बिजली के बिल में करेक्शन करना आसान नहीं

सुधार की प्रोसेस को कर दिया जटिल, उपभोक्ताओं की मुसीबत

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन विद्युत कंपनी ने बिजली बिल के करेक्शन की प्रोसेस का जटिल कर दिया है। बिजली के बिल में करेक्शन करना आसान नहीं रहा है। इस काम ने उपभोक्ताओं की मुसीबत को बढ़ा दिया है।

विद्युत कंपनी ने करीब एक साल पहले जोन कार्यालयों पर सहायक इंजीनियर्स से बिल सुधार का अधिकार छीन लिए थे। इसका असर उपभोक्ताओं पर दिखने लगा है। कंपनी प्रबंधन ने बिल सुधार की प्रक्रिया इतनी जटिल कर दी है कि कार्यालयों पर फाइल का ढेर लग रहा है। वहीं एक-एक सुधार के आवेदन के लिए जोन के बाबुओं को अधीक्षण यंत्री (एसई) के दफ्तर जाना पड़ रहा है। बिल में करेक्शन का आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं की मुसीबत यह है कि बिल सुधार की अर्जी देने पर पहले आधा पैसा जमा करना पड़ रहा है। बिल सुधर भी गया तो जमा किया हुआ पैसा अगले बिलों में एडजस्ट किया जा रहा है।

कंपनी का अपना निर्णय है

जानकारों के मुताबिक बिजली नियामक आयोग ने बिल सुधार के लिए ऐसी कोई लिखित व्यवस्था नहीं दी है कि अधीक्षण यंत्री ही बिल सुधार करेंगे। जोन कार्यालय द्वारा रीडिंग ली जाती है, वहां से फीड किए गए आंकड़ों के बाद ही बिल जनरेट होते हैं। ऐसे में बिल सुधार का अधिकार भी जोन के पास ही होना चाहिए। इसी तरह कागज का बिल भी नियामक आयोग से स्पष्ट निर्देश मिलने के बाद ही बंद किया जाना चाहिए था।
इनका कहना..

बिल सुधार की केंद्रीय व्यवस्था करने जा रहे हैं। कई जोन पर व्यवस्था शुरू कर दी गई है। इसके तहत जोन से डिजिटल मोड से बिल सुधार का आवेदन अधीक्षण यंत्री को भेजा जाएगा। वे ऑनलाइन ही अनुमति दे सकेंगे। इससे दफ्तर आने-जाने का समय बच जाएगा।
अमित तोमर, एमडी, पश्चिम क्षेत्र बिजली कंपनी

पहले यह होता था
विद्युत कंपनी के जोन पर सहायक इंजीनियर बिल में सुधार कर देते थे। एक से दो दिन में निराकरण हो जाता था।

अब यह हो रहा

ऊर्जा विभाग ने सहायक इंजीनियर से अधिकार लेकर अधीक्षण यंत्री के द्वारा ही अनुशंसा किए जाने की व्यवस्था कर दी है। द्द अब उपभोक्ता आवेदन करते हैं तो एई पहले कार्यपालन यंत्री को आवेदन भेजते हैं। द्द कार्यपालन यंत्री फिर अधीक्षण यंत्री के यहां मामला भेजते हैं।

अधीक्षण यंत्री शिकायत, बिल को देखने के बाद निर्णय लेते हैं कि बिल की जांच करना है या नहीं?

इनका कहना..
बिल सुधार की केंद्रीय व्यवस्था करने जा रहे हैं। कई जोन पर व्यवस्था शुरू कर दी गई है। इसके तहत जोन से डिजिटल मोड से बिल सुधार का आवेदन अधीक्षण यंत्री को भेजा जाएगा। वे ऑनलाइन ही अनुमति दे सकेंगे। इससे दफ्तर आने-जाने का समय बच जाएगा।
अमित तोमर, एमडी, पश्चिम क्षेत्र बिजली कंपनी

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