जेल गबन कांड: इस माह 2 और होंगे सेवानिवृत्त, रुपये डूबे अब तक सिर्फ मिला आश्वासन
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन केन्द्रीय जेल भैरवगढ में हुई करोडों रूपये के पीएफ घोटाले की जांच जेल विभाग द्वारा अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। इधर पुलिस द्वारा गठित एसआईटी अब तक सिर्फ आरोपियों को गिरफतार कर जेल भेज पाई है, लेकिन गबन की रकम से आधी की भी रिकवरी नहीं हुई है। जेल प्रशासन द्वारा गबन का शिकार हुए कर्मचारियों को सिर्फ आश्वासन दे रहा है और अब जेल प्रहरी अपनी जिंदगी भर की कमाई भगवान भरोसे छोडकर रिटायर भी हो रहे हैं।
यह था मामला
तत्कालिन जेल अधीक्षक उषा राज ने अकाउंट का काम देखने वाले जेल प्रहरी रिपुदमन व अन्य के साथ मिलकर भेरवगढ जेल के प्रहरियों के पीएफ अकाउंट में हेराफेरी करते हुए 15 करोड की राशि का गबन किया था। मामले की जांच जेल विभाग द्वारा की गई वहीं एसपी उज्जैन ने एसआईटी का गठन कर अलग से जांच शुरू कराई थी।
एसआईटी ने मामले में जेल अधीक्षक उषा राज सहित प्रहरी रिपुदमन, शैलेन्द्र सिकरवार को आरोपी बनाया। जांच में यह भी सामने आया था कि उक्त लोगों ने 68 जेल प्रहरियों के 102 पीएफ व सैलरी खातों से 15 करोड से अधिक का गबन किया है। एसआईटी ने जेल अधीक्षक और उनके सहयोगी जगदीश परमार, बेटी उत्कर्षिनी को भी आरोपी बनाया और लगभग 5 करोड की रिकवरी की जिसमें सोने के बिस्किट, संपत्ति के दस्तावेज, कार आदि शामिल थे।
एसपी साहब जवाब देंगे
जेल गबन कांड के लिये बनाई गई एसआईटी की जांच पूरी हो चुकी है, क्या इस मामले में अब भी कोई आरोपी फरार है इस संबंध में एएसपी और एसआईटी हेड इंद्रजीत बाकलवार का कहना है कि इन प्रश्नों के जवाब एसपी साहब ही दे सकते हैं।
यह है प्रहरियों की परेशानी
जेल प्रहरी संतोष मरमट ने बताया कि 31 मई को जेल से हेडसाब अयोध्या प्रसाद दुबे रिटायर हुए। उनके पीएफ खाते में 45 लाख रूपये जमा थे जो गबन कांड की भेंट चढ गये। वह रिटायर तो हुए लेकिन इस दौरान मिलने वाली राशि का एक रूपया भी उन्हें प्राप्त नहीं हुआ। जून माह में संतोष मरमट और तिवारी का रिटायरमेंट है। मरमट के खाते में पीएफ के 11 लाख रूपये जमा थे लेकिन जेल अधीक्षक और रिपुदमन ने खाते में ओवरड्यू करते हुए 27 लाख रूपये निकाल लिये। ऐसे में मरमट के खाते में उलटे रिकवरी निकल रही है।
मरमट बताते हैं कि जेल प्रशासन द्वारा अब तक सिर्फ आश्वासन ही दिया गया है कि पीएफ की राशि का भुगतान शासन स्तर पर किया जायेगा लेकिन रिटायरमेंट के दौरान किसी भी प्रहरी को पीएफ की राशि प्राप्त नहीं हो रही है। आगे क्या होगा किसी को नहीं पता।