महानवमी पर आज शहर में कन्या पूजन और भंडारे

उज्जैन। महानवमी पर बुधवार को शहर में कई आयोजन हुए। मंदिरों में विशेष पूजन और आरती हुई। आज शाम को हवन-पूजन व पूर्णाहूति उपरांत कई स्थानों से माता को विदाई दी जायेगी।
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महानवमी पर बुधवार सुबह प्रमुख देवी मंदिरों में विशेष पूजन हुई। सार्वजनिक उत्सवों में भी विदाई का वक्त आ गया। नवमी पर दोपहर में कन्या भोज, भंडारा का आयोजन हुआ। शाम को हवन-पूर्णाहूति के बाद माता की विदाई होगी। जय मां चामुण्डा भक्त मण्डल ने बुधवार सुबह ११ बजे से बिलोटीपुरा में कन्या पूजन व कन्या भोज किया। दीपेन्द्र सरसवाल, विकास साहू के अनुसार आसपास के करीबन एक दर्जन गांवों के रहवासी भी भंडारे में महाप्रसादी ग्रहण लेंगे।
बंगाली कॉलोनी में दोपहर में हुई पूजा: बंगाली कॉलोनी में चल रहे दुर्गा पूजा महोत्सव में बुधवार दोपहर 12.35 बजे से महानवमी पूजा प्रारंभ हुई। इसके बाद पुष्पांजलि और शाम महाआरती व सांस्कृतिक आयोजन होंगे। महादशमी पर गुरुवार को दोपहर में माता की दशमीविहित पूजा, इसका बाद माता का दर्पण विसर्जन और सिंदूरधारण कार्यक्रम होगा।
महाअष्टमी की रात हरसिद्धि, गढक़ालिका माता मंदिर में विशेष पूजा और महाआरती
उज्जैन। महाअष्टमी की रात नगर के प्रमुख देवी मंदिर हरसिद्धि व गढक़ालिका मंदिर में विशेष पूजा और महाआरती हुई। जिसमें सैकड़ों भक्तजन शामिल हुए। नवरात्रि की महाअष्टमी पर गढक़ालिका मंदिर में रात ठीक 12 बजे शुरू हुई महाआरती करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली। आरती-पूजन के बाद प्रसादी वितरण हुआ। महाअष्टमी पर हरसिद्धि माता मंदिर के अलावा नगरकोट, चौबीस खंभा, भूखीमाता, योगमाया सहित नगर के सभी माता मंदिरों में सुबह से लेकर रात तक माता के दर्शन के लिए दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा।
अन्य मंदिरों में भी वीआईपी कल्चर की शुरुआत
श्री महाकालेश्वर मंदिर की तरह ही अन्य मंदिरों में भी अब धीरे-धीरे वीआईपी कल्चर शुरू हो गया है। यह चित्र गढक़ालिका मंदिर पर महाअष्टमी की शाम का है। वीआईपी को मंदिर के अंदर बुलाकर दर्शन कराने के कारण सामान्य को दर्शन ही नहीं हो पा रहे थे। यही हाल अन्य मंदिरों के भी है।