कार्तिक मास की सवारी 27 से, 3 नवंबर को निकलेंगी दो सवारी

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। राजाधिराज भगवान महाकाल की कार्तिक मास की सवारी 27 अक्टूबर से शुरू होगी। इस बार 3 नवंबर को दूसरी सवारी के दिन दो बार भगवान महाकाल की सवारी का संयोग बन रहा है। शाम को कार्तिक मास सोमवार की सवारी और रात को हरिहर मिलन की सवारी निकलेगी। मंदिर परंपरा के अनुसार, श्रावण-भादौ के बाद कार्तिक-अगहन महीने में भी भगवान महाकाल की सवारी नगर भ्रमण करती है।
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कार्तिक और अगहन माह में पांच सवारियां : इस वर्ष कार्तिक और अगहन (मार्गशीर्ष) माह में बाबा महाकाल की कुल पांच सवारियां निकलेंगी। सभी सवारियां सोमवार को ही निकलेंगी। जिसमें पहली सवारी 27 अक्टूबर, द्वितीय सवारी 3 नवंबर, तीसरी सवारी 10 नवंबर और चौथी राजसी सवारी 17 नवंबर को निकलेगी। यह सभी सवारी परंपरागत रूप से शाम ४ बजे मंदिर प्रांगण से शुरू होगी और निर्धारित मार्गों से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। पूजन पश्चात मंदिर लौटकर समाप्त होगी। पांचवी सवारी हरिहर मिलन की रहेगी।
3 को हरिहर मिलन- पहली सवारी- 3 नवंबर को कार्तिक माह की दूसरी सवारी शाम 4 बजे मंदिर प्रांगण से शुरू होगी। यह परंपरागत मार्ग से शिप्रा तट पहुंचेगी और शाम 7 बजे तक मंदिर वापस लौटेगी।
दूसरी सवारी (हरिहर मिलन): इसी दिन रात में वैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर एक विशेष सवारी निकाली जाएगी। रात 11 बजे भगवान महाकाल पालकी में सवार होकर हरिहर मिलन के लिए महाकाल मंदिर से गोपाल मंदिर तक जाएंगे। यह सवारी देर रात में ही महाकाल मंदिर वापस लौटेगी। इस दिन सोम प्रदोष का भी शुभ संयोग रहेगा, जिससे इस दिन का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।










