Sunday, December 3, 2023
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उज्जैन शहर में विद्युत विभाग का सबसे खराब झोन है खेड़ापति…

24 घंटे में 10 से 15 बार जाती है बिजली इस झोन से जुड़े इलाकों की

फोन हो जाता है डेड

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन| पुराने शहर का बड़ा हिस्सा आगर मार्ग स्थित बीमा चौराहा के समीप स्थित खेड़ापति झोन से जुड़ा हुआ है। इस झोन में सबसे अधिक बिजली गुल होती है। झोन से लगे इलाको के लोग पूरी गर्मी हलाकान रहे ओर अब बारिश में स्थितियां और अधिक खराब होती जा रही है।

खेड़ापति झोन से उद्योग पुरी का एक हिस्सा,फाजलपुरा, तेलीवाड़ा,कोतीवाली रोड़,नरेंद्र टॉकिज क्षेत्र, मिल्कीपुरा, क्षीरसागर,कुशलपुरा तथा जिला अस्पताल का क्षेत्र जुड़ा हुआ है। इस झोन के सभी फीडर/ट्रांसफार्मर में मैंटेनेंस का अभाव है। हालात यह है कि जैसे ही बारिश शुरू होती है,तेज हवा चलने लगती है….बिजली गुल हो जाती है।

दुकानदारों के अनुसार बिजली गुल होते ही धंधे पर सीधा असर आ जाता है। ये लोग बताते हैं कि शिकायत के लिए झोन पर स्थित लैण्ड लाइन फोन पर रिंग करते हैं तो वह बिजी टोन बताता है। कोई फोन नहीं उठाता है। इसीप्रकार ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती है।

यह कहना है जिम्मेदारों का…

विभाग के अधिकारी राजेश हारोड़ से चर्चा करने पर उनका कहना है कि जब भी एचटी में कोई गड़बड़ आती है, तो ही बिजली जाती है। अन्य समय में ऐसा होना नहीं चाहिए। अनेक बार उनका कहना रहता है कि बिजली क्यों गुल हुई, उन्हे नहीं पता। हमारे पास तो कोई शिकायत विभाग से नहीं पहुंची है?

क्या बताऊं.. मैंटेनेंस ही नहीं हो रहा था…

जब झोन के प्रभारी इंजीनियर गिरिश शाक्य से चर्चा की गई तो उन्होने बताया-देखिये,कुछ दिनों पहले ही आया हूं। यहां के हालात बहुत खराब है। झोन में मैंटेनेंस ही नहीं हुआ। जहां देखो,कमियां है। जिसके कारण बिजली हल्की हवा या बारिश में गुल हो जाती है। गर्मियों में थोड़ा सा लोड बढऩे पर बिजली गुल होती रही। अब वे स्वयं हर फीडर/ट्रांसफार्मर पर ध्यान देकर कमियां सुधरवा रहे हैं। कम से कम 10 दिन और लगेंगे, सब ठीक हो जाएगा।

यह कारस्तानी है कर्मचारियों की…!

ईई गिरिश शाक्य से जब इस प्रतिनिधि ने कहाकि जैसे ही बिजली गुल होती है,झोन का लैण्ड लाइन फोन काम करना बंद कर देता है, ऐसा क्यों ? श्री शाक्य ने चौकानेवाली जानकारी दी। उनके अनुसार कतिपय कर्मचारी ने खेड़ापति झोन के लैण्ड लाइन नम्बर को विद्युत सप्लाय से जोड़ रखा था। ऐसी कारस्तानी की थी कि जैसे ही बिजली गुल होती,टेलीफोन काम करना बंद कर देता क्योंकि उसमें जानेवाला करंट रूक जाता। ऐसे में उपभोक्ताओं को टेलीफोन की लाइन सतत बिजी ही मिलती या बंद मिलती। उन्होने स्वयं जब शिकायत के बाद इसे चेक किया तो पोल खुली। अब उन्होने इसमें भी सुधार कर दिया है। सारी बातें वरिष्ठ अधिकारियों को संज्ञान में ला दी है।

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