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महाकाल मंदिर में अब क्यूआर कोड से मिलेगा लड्डू प्रसाद, ऑनलाइन पेमेंट कर खरीद सकेंगे श्रद्धालु

रोजाना तैयार होता है 40 से 50 क्विंटल लड्डू प्रसाद, देशभर में है लड्डुओं की मांग

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में जल्द ही नई सुविधा मिलने जा रही है जिसके तहत अब श्रद्धालुओं को लड्डू प्रसाद खरीदने के लिए काउंटर पर भुगतान को लेकर परेशान नहीं होना पड़ेगा। वह नकद के साथ क्यूआर कोड के माध्यम से भी भुगतान कर लड्डू प्रसाद खरीद सकेंगे। मंदिर प्रशासन प्रसाद काउंटरों सहित जगह-जगह क्यूआर कोड लगाने की तैयारी कर रहा है। अभी दर्शनार्थियों को काउंटर पर लाइन में लगकर कैश चुकाकर लड्डू खरीदने पड़ते हैं।

दरअसल, वर्तमान में श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर और महाकाल महालोक के बने काउंटरों से लड्डू प्रसाद बेचा जाता है। देशभर से महाकाल दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थी बड़े ही श्रद्धाभाव से लड्डू प्रसाद खरीदकर साथ ले जाते हैं। यह लड्डू प्रसाद इतना शुद्ध व स्वादिष्ट है कि देशभर में इसकी बड़ी मांग है। एक आंकड़े के मुताबिक चिंतामन स्थित लड्डू प्रसाद यूनिट में प्रतिदिन 40 से 50 क्विंटल लड्डू प्रसाद रोज बनाया जाता है। अभी तक जिन श्रद्धालुओं के पास नकद राशि नहीं होती थी, उन्हें या तो कैश लेकर आना पड़ता था या बिना प्रसाद के लौटना पड़ता था। नई व्यवस्था से यह दिक्कत दूर हो जाएगी।

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सेफ भोग अवार्ड और 5 स्टार रेटिंग
प्रसाद को शुद्ध घी, बेसन, सूजी (रवा), चीनी और सूखे मेवों से बनाया जाता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला में इसकी जांच की गई थी जिसमें प्रसाद 13 मापदंडों पर खरा उतरा। इसके अलावा प्रसाद की शुद्धता और गुणवत्ता के कारण महाकालेश्वर प्रबंध समिति को सेफ भोग अवार्ड और 5 स्टार रेटिंग भी मिल चुकी है।

इनका कहना
मंदिर में डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन के तहत क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था को अपनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इसे अमल में लाया जाएगा जिसके बाद क्यूआर कोड के माध्यम से लड्डू प्रसाद खरीदने के साथ दान भी दिया जा सकेगा।
मंदिर में जगह-जगह क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। इसके अलावा दर्शनार्थी एवं दानदाता के मोबाइल पर भी भुगतान के लिए क्यूआर कोड उपलब्ध करवाए जाएंगे।
प्रथम कौशिक, प्रशासक
श्री महाकालेश्वर मंदिर

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