मामला विक्रम विश्वविद्यालय में पीएचडी आंसरशीट की गड़बड़ी का
उज्जैन। विक्रम विश्व विद्यालय में पीएचडी चयन परीक्षा-2022 की गड़बड़ी को लेकर लोकायुक्त पुलिस ने विक्रम विश्वविद्यालय के कुल सचिव और शिकायतकर्ता के बयान दर्ज किए है।
विक्रम विश्वविद्यालय में करीब डेढ वर्ष पूर्व हुई पीएचडी चयन परीक्षा-2022 मे अवैध रूप से धांधली एवं फर्जी तरीके से सांठ-गांठ कर, नंबर बढ़ाने के लिए आंसरशीट में छेड़-छाड़ कर फेल से पास करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने लोकायुक्त को शिकायत की थी। मामले में लोकायुक्त जांच शुरू की है। शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने मंगलवार को शिकायत कर्ता बबलू खिंची व कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक के बयान दर्ज किए हैं। मामले में विवि कुलसचिव पौराणिक ने कहा कि जानकारी मांगी थी। जांच समिति के समक्ष हमने कागज प्रस्तुत कर दिए है।
अब वो आगे की प्रक्रिया में है। वहीं शिकायत कर्ता बबलू खिंची ने कहा कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व मेरे द्वारा लोकायुक्त को शिकायत की गई थी। कुलसचिव द्वारा पद का दुरूपयोग कर बच्चों की कोर्स वर्क परीक्षा करा ली गई। जांच समिति बनी थी उसमें प्रमाणित हुआ था कि 12 ओएमआर शीट पर डबल गोले थे। बाद में जांच समिति के इस्तीफे के बाद आज तक जांच समिति नहीं बनी। उसी मामले में कुलसचिव को लोकायुक्त में बुलाया गया था।
चयन समिति पर लगे हैं आरोप
शिकायती पत्र में कांग्रेस नेता बबलू खिंची ने पीएचडी चयन परीक्षा समिति के सदस्य डॉ. प्रमोद कुमार वर्मा, गणपत अहिरवार, वाईएस ठाकुर पर इंजीनियरिंग विषय की आंसर शीट में हेरफेर कर अपने चहेतों को लाभ देने का आरोप लगाया था। इसके कारण पात्र छात्र-छात्राओं के साथ धोखाधड़ी हुई है।
जबकि पीएचडी चयन परीक्षा के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए केवल एक ही वृत को गाढ़ा किया जाए। एक से अधिक वृत को गाढ़ा करने पर अथवा एक वृत को अपूर्ण करने पर वह उत्तर गलत माना जाएगा। परीक्षा उपरांत आंसर शीट चेक करने के दौरान सारे नियम ताक में रखकर जांच की गई।