समिति कर्मचारियों के बैंक खातों की जानकारी मांगी, सुरक्षा निविदा पर नोटिस
अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन। महाकाल प्रबंध समिति के कामकाज पर लोकायुक्त ने सवाल उठाए हैं। दो अलग-अलग मामलों से जुड़ी शिकायत के बाद लोकायुक्त ने समिति को पत्र लिखे है। एक में कर्मचारियों के बैंक खातों की जानकारी मांगी गई है। दूसरे में सुरक्षा निविदा पर नोटिस जारी किया गया है।
लोकायुक्त पुलिस के दो पत्रों से महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ऑफिस में हड़कंप मचा हुआ है। एक पत्र सुरक्षा निविदा से जुड़ा है,तो दूसरा पत्र सन् 2021 में लेखापाल द्वारा बनाये गये क्यूआर कोड से जुड़ा है। सुरक्षा निविदा के मामले में समिति से समस्त दस्तावेज मांगे गए है। क्यूआर कोड को लेकर भोपाल में प्रकरण पंजीबद्ध हो चुका है। उसकी जांच शुरू हो गई है।
प्रकरण एक
वर्ष 2021 के दौरान महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के एक कर्मचारी द्वारा समिति से अनुमति लिए बगैर अपने मोबाइल नम्बर से एक क्यूआर कोड बनवा लिया था। इस पर लिखा था, ‘भूत-भावन भगवान श्री महाकालेश्वर जी के मंदिर में दान/ भेट प्रदान करने हेतू उपयोग कर सकते है।
यह क्यूआर कोड मंदिर में जगह-जगह लगवा दिए गए थे। मामला उजागर होते ही तत्काल क्यूआर कोड हटाए गए और तत्कालीन कलेक्टर आशीषसिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। जांच सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी को सौंपी गई थी। लेकिन जांच फाइल से बाहर नहीं आ सकी। इस बीच लोकायुक्त में शिकायत के बाद मामले की जांच हो रही है। इसमें मंदिर प्रबंध समिति को नोटिस जारी कर मंदिर कर्मचारियों के बैंक खाते की जानकारी मांगी गई है। क्यूआर कोड के अलावा लोकायुक्त ने मंदिर के कोठार की जानकारी भी मांगी है।
प्रकरण दो
मंदिर परिसर के सुरक्षा ठेके की निविदा को लेकर लोकायुक्त शाखा उज्जैन को एक शिकायत मिली थी। इसमें 10 सवाल उठाए गए थे। शिकायत में निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रखने और पक्षपात करने के आरोप भी लगाए गए थे। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि जिस कंपनी को सुरक्षा का ठेका देना था, उसके हिसाब से शर्ते बनाई गई। लोकायुक्त ने शिकायत को गंभीरता से लेकर नोटिस जारी किया है।
रिमाइंडर जारी
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को सुरक्षा निविदा के नोटिस का जवाब २९ मार्च तक देना था,लेकिन अभी तक जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है। लोकायुक्त उज्जैन के निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर मंदिर प्रबंध समिति को रिमाइंडर जारी किया गया है। जवाब मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।