भगवान चिंतामण गणेश की पहली जत्रा कल, इस बार चार जत्रा

By AV News

तडक़े 4 बजे खुलेंगे पट, पूर्ण शृंगार के साथ दर्शनHero Destini

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। चिंतामण गणेश मंदिर में चैत्र मास की जत्रा १९ मार्च से शुरू होगी। इसके बाद क्रमश: 26 मार्च, 2 अप्रैल और 9 अप्रैल को जत्राएं होंगी। इस दौरान बड़ी संख्या में दर्शनार्थी भगवान श्रीगणेश के दर्शन के लिए पहुंचेंगे।

दरअसल, चैत्र मास में भगवान श्रीगणेश की आराधना का विशेष महत्व होता है। हर साल चैत्र मास में भगवान चिंतामण गणेश की जत्रा का आयोजन किया जाएगा। इस बार चार जत्राओं का क्रम रंगपंचमी से शुरू होगा। इस दिन तडक़े ४ बजे मंदिर के पट खुलेंगे। भगवान का अभिषेक कर मनोहारी शृंगार किया जाएगा। इसके बाद पूर्ण शृंगार के साथ श्रद्धालुओं के लिए दर्शन प्रारंभ होंगे। दर्शन व्यवस्था मंदिर के गर्भगृह के बाहर से रहेगी। शयन आरती तक श्रद्धालुओं को दर्शन होंगे।

मंदिर में भगवान गणेश की तीन प्रतिमाएं
मंदिर में भगवान गणेश की तीन प्रतिमाएं विराजित हैं। भगवान चिंतामण गणेश के साथ-साथ यहां सिद्धि विनायक और इच्छामन गणेश का आशीर्वाद भी मिलता है। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान चिंतामण गणेश की स्थापना की थी। इसके अलावा सिद्धि विनायक और इच्छामन गणेश की स्थापना मां सीता और लक्ष्मण जी ने की थी। भगवान के दर्शन से श्रद्धालुओं की चिंता दूर होने के साथ उनकी इच्छाएं भी पूरी होती हैं।

अनाज भी किया जाता है अर्पित
चैत्र मास में गेहूं की फसल पककर तैयार हो जाती है। किसान उपज बाजार में बेचने से पहले उसका कुछ भाग भगवान चिंतामण गणेश को अर्पित करते हैं। आज भी भगवान को अनाज अर्पित करने का यह सिलसिला लगातार जारी है। इसके अलावा शादी की पत्रिका भी पहले भगवान को ही अर्पित की जाती है।

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