अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। फ्रीगंज स्थित लोटस अस्पताल में बरती जा रही अनियमितता की शिकायत उसके साझेदार ने ही की। जब जांच हुई तो अधिकांश शिकायतें सही पाई गई। सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल को लोटस अस्पताल के साझेदार प्रवीण पंड्या ने अमित पटेल के खिलाफ लिखित शिकायत करते हुए कई तथ्य पेश किए। सीएमएचओ ने माधव नगर अस्पताल प्रभारी डॉ. विक्रम रघुवंशी, डॉ. आदित्य रावल, ड्रग इंस्पेक्टर देशराज राजपूत और राजेंद्र वाडिया की टीम बना कर जांच के लिए भेजा।
२४ घंटे डॉक्टर होना चाहिए
जांच टीम ने पाया कि अस्पताल में कोई एमबीबीएस डॉक्टर नहीं था। नियमानुसार अस्पताल में २४ घंटे ऐसा डॉक्टर होना चाहिए। प्रशिक्षित नर्सिंग स्टॉफ नहीं था। फायर एनओसी भी नहीं थी। जबकि वहां दो बार आग लग चुकी है। मरीज के परिजन से नकद भुगतान राशि ली जा रही थी। पैथालॉजी लैब में कई खामियां मिलीं। कर्मचारियों के बारे में अस्पताल प्रबंधन कोई जानकारी नहीं दे सका। पांच दवाओं के नमूने लिए गए।
प्रयोगशाला की रिपोर्ट के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल में एमएलसी एमबीबीएस डॉक्टर बनाता है। यहां ऐसा नहीं पाया गया। काम बीएमएस डॉक्टर कर रहे थे। अस्पताल के लिए ४९ पलंग की अनुमति थी। जांच में ५५ पलंग पाए गए। सीएमएचओ का कहना है कि जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जांच टीम के अचानक पहुंचने से अस्पताल में अफरा-तफरी का आलम था। कर्मचारी कुछ बताने की स्थिति में नहीं थे। जांच टीम के सदस्यों ने कई कर्मचारियों से बात की लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।