लुधियाना की कंपनी बनाएगी उज्जैन-इंदौर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर

30 मिनट में तय होगी उज्जैन से इंदौर की दूरी
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48 किमी लंबे कॉरिडोर पर खर्च होंगे 2 हजार करोड़ रुपए
उज्जैन। उज्जैन-इंदौर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को बनाने के लिए निर्माण एजेंसी तय हो गई है। लुधियाना की सिंगला इंफ्रा प्रोजेक्टस प्राइवेट लिमिटेड ने रोड निर्माण के लिए 2000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव एमपीआईडीसी को दिया है। इसमें से १०८९ करोड़ रुपए की राशि रोड निर्माण एवं शेष राशि भूमि अधिग्रहण में खर्च होगी।
48 किमी लंबा उज्जैन- इंदौर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर इंदौर के पितृपर्वत के पास से शुरू होकर उज्जैन के चिंतामन गणेश मंदिर के पास समाप्त होगा। इसकी चौड़ाई 60 मीटर रहेगी और यह पूरी तरह नया रोड होगा। सिंहस्थ 2028 में इंदौर तरफ से आने वाले यात्रियों के दबाव को देखते हुए यह रास्ता तैयार किया जा रहा है। चूंकि यह पूरा रोड नया होगा। मार्ग पर चार जगह से प्रवेश होगा। पहला प्रवेश उज्जैन में चिंतामन बायपास से होगा, दूसरा प्रवेश इंदौर के वेस्टर्न बायपास से, तीसरा प्रवेश उज्जैन-बदनावर रोड क्रॉसिंग के पास से और चौथा प्रवेश पितृ पवर्त के पास से होगा।
एक तरफ लगेगा टोल, दूसरी तरफ नहीं
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर में टोल की व्यवस्था एक तरफा रहेगी। यानी अगर आप उज्जैन छोर से प्रवेश करते हैं तो टोल टैक्स उज्जैन तरफ चुकाना होगा, अगर इंदौर तरफ से प्रवेश करते हैं तो टोल टैक्स इंदौर में चुकाना होगा।
175 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के लिए करीब १७५ हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें उज्जैन के 8 गांव के किसानों की भूमि शामिल रहेगी।, जबकि इंदौर के सांवेर और हातोद के किसानों की जमीन भी अधिग्रहित की जाएगी।
सिंहस्थ में मददगार रहेगा
नए ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को दो साल में बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सिंहस्थ से पहले इसको तैयार करने की कवायद की जा रही है। अगर यह तय समय में बनकर तैयार होता है तो उज्जैन से इंदौर की तरफ जाने के लिए एक अतिरिक्त रास्ता तैयार हो जाएगा। ऐसे में इंदौर रोड पर पडऩे वाला यात्री दबाव काफी कम हो जाएगा।









