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मां चामुंडा को 18वां छप्पन भोग बाजार से नहीं खरीदा जाता मावा

श्रद्धालुओं के लिए सात क्विंटल मिठाई और खिचड़ी का प्रसाद

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नरेंद्र सिंह अकेला उज्जैन। शहर के मध्य विराजित भक्तों को आशीर्वाद देने वाली चामुंडा माता को 56 भोग लगाया गया। यहीं पर खीर और फरियाल का वितरण भी होगा। रोशनी से आच्छादित यह मंदिर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

 

मंदिर समिति धर्म और आध्यात्म के अलावा समाजसेवा का केंद्र भी बनी हुई है। मुख्य पुजारी शरद चौबे और सुनील चौबे ने बताया कि 56 भोग की विशेषता यह है कि बाजार से मावा नहीं खरीदा जाता। समाजसेवी हरी सिंह यादव को मां ने आशीर्वाद दिया। उसी के फलस्वरुप उनके सौजन्य से यह भोग लगाया जाता है। मंदिर परिसर में शुद्ध दूध से मावा तैयार किया जाता है। इसी मावे से करीब ७ क्ंिवटल विभिन्न प्रकार की मिठाई का निर्माण होता है। निर्माण में शुद्धता का पूरा ख्याल रखा जाता है। निर्माण में सहयोग देने वाले हलवाई और सहयोगी स्नानादि से निवृत्त होकर पहले मां की पूजा करते हैं उसके बाद निर्माण शुरू होता है। मंदिर समिति के सदस्य पूरे समय मौजूद रह कर अपनी निगरानी में भोग का निर्माण कराते हैं।

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मिष्ठान में भी वैरायटी अहम
मां को लगने वाले भोग में सिर्फ मिष्ठान ही नहीं, वैरायटी का भी ध्यान रखा जाता है। दुकानों पर मिलने वाली मिठाई के अलावा कुछ नया करने का प्रयास किया जाता है। सूखे मेवे के अलावा केशर और अन्य सामग्री भी शुद्धता से परिपूर्ण रहती है। इसके अलावा नमकीन और अन्य भोग की सामग्री भी यहीं पर तैयार होती है। करीब सात क्ंिवटल का भोग मां के चरणों में समर्पित किया जाता है। बाद में यह भोग भक्तों में वितरित कर दिया जाता है।

मंदिर में खीर और खिचड़ी का वितरण

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सोमवार सुबह से ही मंदिर में खीर प्रसादी का वितरण शुरू हो गया था। करीब दस क्ंिवटल दूध, साबूदाना, शकर, केशर व सूखे मेवे से खीर का निर्माण भी मंदिर परिसर में किया गया। शाम छह बजे तक खीर का वितरण होगा। शाम छह बजे के बाद सात क्ंिवटल साबूदाना, मूंगफली के दाने आलू और अन्य सामग्रियों से तैयार की गई खिचड़ी का वितरण किया जाएगा।

समाजसेवा में अग्रणी है मंदिर समिति

चामुंडा माता मंदिर समिति समाजसेवा में भी अग्रणी है। यहां प्रतिदिन एक हजार लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है। वितरण में कोई भेदभाव नहीं, जो आए सो पाए, बस यह कहे, जय माता की। कोराना काल में मंदिर समिति ने जरूरतमंदों के भोजन की जबरदस्त सेवा की। खिचड़ी वितरण में समिति को गोल्डन बुक और रिकॉर्ड सम्मान मिल चुका है। सावन में तीस दिन का अखंड रामचरित मानस पाठ किया जाता है। शनिवार को संगीतमय सुंदरकांड का पाठ भी होता है।

सबकुछ मां की प्रेरणा से : यादव
मां के चरणों में लगातार छप्पन भोग अर्पित करने वाले समाजसेवी हरी सिंह यादव ने कहा कि यह सब मां के आशीर्वाद का प्रतिफल है। मंदिर के पुजारी शरद चौबे की प्रेरणा और धर्म के प्रति लगाव से सबकुछ संभव हो जाता है। उन्होंने बताया कि मोहन नगर में अंबे माता के मंदिर में भी 56भोग लगाया जाएगा।

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