42 फीट की गहराई पर मिला शव
रीवाः जिले के जनेह थाना क्षेत्र अंतर्गत मानिका गांव में पिछले 30 घंटे से अधिक बोरवेल में फंसे 6 वर्ष के मासूम मयंक आदिवासी को बचाने का रेस्क्यू मिशन चला। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ सहित जिला प्रशासन की टीम के भारी भरसक प्रयास के बावजूद भी मासूम को नहीं बचाया जा सका।
ऑपरेशन के बाद वह बोरवेल के भीतर 42 फीट की गहराई पर मिट्टी-पत्थरों के बीच दबा मिला। उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। मेडिकल टीम उसे लेकर अस्पताल पहुंची। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिला पंचायत सीईओ सौरभ सोनवडे ने भी मयंक की मौत की पुष्टि की है।
गौरतलब है कि बीते 12 अप्रैल को दोपहर 3:00 बजे करीब कुछ बच्चों के साथ मयंक आदिवासी खेत में गेहूं की बिखरी हुई बालियों को बीनने के दौरान अचानक एक खुले बोरवेल में गिर गया था। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और कुछ समय बाद ही रेस्क्यू ऑपरेशन चला दिया गया था।मयंक की मौत की खबर सुनकर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
नहीं काम आई लोगों की दुआएं
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार सिंह सीएमएचओ एसडीओपी थाना प्रभारी एनडीआरएफ एसडीआरएफ के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर मौजूद रही है। लाख प्रयास एवं लोगों की दुआओं के बावजूद भी 6 वर्ष के मासूम मयंक आदिवासी को नहीं बचाया जा सका ।