300 फीट गहरे बोरवेल में फंसी मासूम को 52 घंटे बाद रोबोटिक टीम ने निकाला
मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में बोरवेल में गिरी बच्ची सृष्टि जिंदगी की जंग हार गई। मासूम को गुरुवार (08 जून) को बोरवेल से बाहर निकाला गया। सेना के रोबोट टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर उसे बाहर निकाला। रोबोटिक टीम ने शाम करीब साढ़े 5 बजे बच्ची को बाहर निकालामगर, ढाई साल की मासूम सृष्टि की सांसे थम गई।
सेना द्वारा चलाए 55 घंटे से भी अधिक समय तक के इस ऑपरेशन का अंजाम आशा के विपरीत रहा। बोरवेल से बाहर निकालने के बाद सृष्टि को तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। लेकिन, मासूम की सांसें थम चुकी थी।
मंगलवार (6 जून) को ढाई वर्षीय बच्ची सृष्टि बोरवेल में गिर गई थी। सृष्टि अपने गांव मुंगावली में खेलते वक़्त अचानक 300 फीट गहरे बोरवेल में जा गिरी थी। पिछले 3 दिनों से बच्ची को बोरवेल से निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया गया था।
बच्ची को बचाने के अभियान में जुटी NDRF और SDRF टीम ने बताया कि, बच्ची पहले 25 फुट की गहराई पर थी। लेकिन, वह लगातार नीचे खिसकती चली गई। राहत और बचाव में जुटी दोनों ही टीमों ने दिन-रात काम किया। बुधवार को सेना को राहत कार्य में लगाया गया। बच्ची को हुक के जरिए बाहर निकालने की कोशिश भी हुई। मगर, असफलता हाथ लगी। ऊपर आने की बजाय बच्ची हुक से गिरकर 100 फीट से भी अधिक नीचे जा पहुंची। सेना के सामने ये नई चुनौती थी।
सृष्टि को बोरवेल से सुरक्षित निकालने के लिए पोकलेन और जेसीबी मशीनों की मदद ली गई। साथ ही, बच्ची की हर हरकत पर कैमरे से नजर रखी गई। उसे सांस लेने में दिक्कत न आये इसके लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति भी लगातार जारी रहा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज भी लगातार इस अभियान पर नजर बनाए रखे।
बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बोरवेल के समानांतर गड्ढा खोदा गया था, लेकिन पत्थर मिलने के कारण अभियान बाधित हुआ।रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान गुरुवार को एक वक़्त ऐसा भी आया कि, अचानक तेज आंधी का सामना भी बचाव दल को करना पड़ा। तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश भी हुई। इस वजह से रेस्क्यू में रुकावट पैदा हो रही थी। हालांकि, रोबोटिक टीम ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ मिलकर बच्ची को शाम तक बाहर निकाल लिया। इसके बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका।