मध्य प्रदेश: पहली कक्षा में स्कूल में एडमिशन के नियम में संशोधन

अधिकतम आठ साल की उम्र तक होगा प्रवेश
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:पहली कक्षा में प्रवेश के लिए शिक्षा विभाग ने नियमों में संशोधन किया है। सरकारी व निजी स्कूलों की पहली कक्षा में अब अधिकतम आठ साल की उम्र तक के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। शासन ने प्री-प्रायमरी कक्षाओं के लिए चार और पहली कक्षा के लिए छह महीने की आयु सीमा बढ़ा दी है। इस संबंध में शासन के निर्देश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रवेश के लिए उम्र संबंधी नियम में संशोधन के आदेश जारी कर दिए है।
विभाग ने बीते 28 फरवरी के जारी नियम में संशोधित आदेश जारी किए है। अब पहली कक्षा में छह महीने व प्री-प्रायमरी कक्षाओं में चार महीने की छूट दी गई है। संशोधित आदेश में प्री-प्रायमरी कक्षाओं (नर्सरी, केजी वन, केजी टू) के लिए आयु सीमा अब एक अप्रैल 2024 के स्थान पर 31 जुलाई 2024 रहेगी, जबकि पहली कक्षा के लिए एक अप्रैल 2024 के स्थान पर आयु सीमा 30 सितंबर 2024 रहेगी।पहली कक्षा के लिए न्यूनतम आयु छह वर्ष और अधिकतम साढ़े सात वर्ष के नियम जारी किए थे। विभाग के जारी इस नियम में कुछ लोग विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि आरटीई के नियमों के तहत अधिकतम आयु सीमा में छह महीने की छूट दी जाती है।
उम्र संबंधी नियम में संशोधन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहली कक्षा में प्रवेश के लिए उम्र संबंधी सीमा निर्धारित की गई है। इसके तहत पिछले साल प्रवेश के लिए उम्र संबंधी सीमा का पालन कड़ाई से नहीं हो पा रहा था। इसे देखते हुए करीब पांच महीने पहले 28 फरवरी को स्कूल शिक्षा विभाग ने उम्र संबंधी नियम जारी किए थे। इसके तहत एक अप्रैल 2024 की स्थिति में नर्सरी के लिए न्यूनतम आयु तीन वर्ष और अधिकतम साढ़े चार वर्ष, केजी वन के लिए चार वर्ष और अधिकतम साढ़े पांच वर्ष, केजी टू के लिए न्यूनतम आयु पांच वर्ष और अधिकतम साढ़े छह वर्ष तय किया गया था।