श्रद्धालुओं ने किया आस्था को ठेस पहुंचने का कृत्य
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं का धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचने वाला कृत्य सामने आया है। शुक्रवार तड़के कुछ युवा शॉर्ट्स (हॉफ पेंट, निक्कर) पहनकर पहुंचे जिन पर महाकाल और त्रिपुंड प्रिंट था। इस पर जब मंदिर के सेवकों और सुरक्षाकर्मियों की नजर पड़ी तो युवाओं को रोककर शॉर्ट्स उतरवाई और अन्य वस्त्र पहनने के निर्देश दिए।
उज्जैन के महाकाल मंदिर में 12 से ज्यादा श्रद्धालुओं के कपड़े उतरवाए गए। इन श्रद्धालुओं ने निक्कर (हॉफ पेंट) पहने थे, जिन पर महाकाल लिखा था और त्रिपुंड भी बने थे। बताया जाता है कि शुक्रवार तड़के भस्म आरती के दौरान कई भक्त महाकाल लिखी शॉर्ट्स पहनकर मंदिर पहुंच गए।
यह देख गर्भगृह निरीक्षक उमेश पंड्या और मंदिर समिति की सुरक्षा संभालने वाली केएसएस के सिक्योरिटी इंचार्ज विष्णु चौहान ने कार्रवाई शुरू की। 12 से ज्यादा ऐसे लोगों को पकड़ा, जो शॉर्ट्स पहनकर मंदिर में प्रवेश कर रहे थे। मौके पर ही कुछ लोगों के कपड़े उतरवा दिए।
इसके बाद भक्तों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग इधर-उधर छिपकर मंदिर में प्रवेश करने लगे। हालांकि जिन भक्तों की निक्कर उतरवाई, उन्हें पहनने के लिए कपड़े भी दिए गए। इसके बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया गया। मामले में महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा, मैं अभी बाहर हूं। किसने यह कार्रवाई की है। आकर ही कुछ कह पाऊंगा।
विरोध कर चुके हैं पुजारी
कई बार मंदिर में महाकाल लिखे कपड़े पहनकर प्रवेश की बात सामने आई है। कई बार मंदिर के पुजारी भी इसका विरोध दर्ज करा चुके हैं। हालांकि इस तरह की कार्रवाई मंदिर में पहली बार की गई है। महाकाल मंदिर में काफी समय से ड्रेस कोड लागू करने की मांग कर रहे हैं। ऐसा बड़े मंदिरों में भी है। आए दिन देखने में आता है कि पुरुष छोटे-छोटे निक्कर पहनकर मंदिर में प्रवेश करते हैं। कई ड्रेस तो मंदिर के अनुकूल नहीं होती। इसी तरह युवतियां भी शॉर्ट ड्रेस पहनकर मंदिर में आ जाती हैं। इन सब पर रोक लगाई जानी चाहिए। इनसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है। मंदिर के महेश पुजारी ने कहा, ऐसे कपड़े पहनने से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। मंदिर में ड्रेस कोड लागू होना चाहिए।
महाकाल प्रिंट के वस्त्रों का फैशन बढ़ा
महाकाल मंदिर के आसपास बड़ी संख्या में धार्मिक वस्त्रों की दुकानें हैं। यहां महाकाल लिखी हुई टी शर्ट, दुपट्टा, शर्ट, कुर्ता, शॉर्ट्स आदि मिलते हैं। भक्त इन्हें पहनकर महाकाल मंदिर में प्रवेश करते हैं। यह सभी वस्त्र शरीर पर कमर से उपर धारण किए जाते है। ऐसा पहली बार हुआ है,जब श्रद्धालु कमर के नीचे वस्त्रधारण किए है। धार्मिक मान्यता और परंपरा के अनुसार शरीर पर कमर के नीचे या जमीन को स्पर्श करने वाला ऐसा कोई भी वस्त्र धारण नहीं किया जाता है,जिस पर धार्मिक प्रतीक चिन्ह या भगवान के नाम हो।