आय 200 करोड़ होने की उम्मीद, महाकाल महालोक में ट्रेन चलाने पर होगा फैसला

महाकाल मंदिर के बजट पर कल मंथन
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अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:महाकाल मंदिर के बजट को लेकर प्रबंध समिति की बैठक मंगलवार को होने की संभावना है। इसमें साल भर की आय और खर्च का लेखा जोखा पेश किया जाएगा और नए प्रस्तावों पर निर्णय होंगे।

महाकाल लोक में मिनी ट्रेन चलाने के प्रस्ताव पर भी कोई निर्णय लिया जा सकता है। इसके अलावा बिजली के खर्च को बचाने पर भी मंथन किया जा सकता है। मंदिर की आय 200 करोड़ रुपए के करीब पहुंच चुकी है।
महाकाल मंदिर के नए वित्तीय वर्ष के बजट को लेकर प्रबंध समिति की बैठक 9 जुलाई को आयोजित करने की तैयारी चल रही है। दरअसल, मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य महापौर मुकेश टटवाल तीन दिन गोवा की यात्रा पर थे। इस कारण उनके आने की प्रतीक्षा की जा रही थी। वे शहर आ चुके हैं। इस कारण प्रबंध समिति की बैठक मंगलवार को आयोजित हो सकती है।
इसमें मुख्य रूप से बजट पर चर्चा कर उसे पारित किया जाएगा। मंदिर प्रबंध समिति को अब हर साल दान आदि से होने वाली आय 200 करोड़ तक पहुंच गई है। हालांकि खर्चे भी बेतहाशा बढ़ रहे हैं। आने वाले साल में कई नई योजनाओं पर खर्च होने की संभावना है। सबसे ज्यादा खर्च मंदिर प्रशासन को बिजली पर उठाना पड़ता है। इसके लिए मंदिर परिसर में सोलर सिस्टम लगाने पर भी प्रस्ताव लाया जा सकता है।
आय का बढ़ता ग्राफ
2023-24 में 169 करोड़
2018-19 में 45.94 करोड़
2017-18 में 34.47 करोड़
2016-17 में 38.28 करोड़
2015-16 में 28.97 करोड़
2014-15 25.89 करोड़
श्री महाकाल महालोक बनने के बाद दर्शनार्थियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। व्यापार करीब तीन से पांच गुना तक बढ़ गया है।महालोक परिसर में मिनी ट्रेन भी चलाने पर भी विचार चल रहा है।
दस साल में आय 25 करोड़ से 200 करोड़ तक : महाकाल मंदिर में भक्तों के दान और अन्य माध्यमों से आय में बेतहाशा बढ़ी है। दस साल पहले मंदिर प्रबंध समिति को 25 करोड़ रुपए की आय हुई थी, जो पिछले साल बढ़कर 169 करोड़ तक पहुंच गई थी। इस बार यह 200 करोड़ के आंकड़े के साथ एक नया रिकार्ड बना सकती है।
लेखाधिकारी शाखा में कई बदलाव : महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने लेखा कार्य में कसावट के लिए कई बदलाव किए हैं। लेखाधिकारी पद से विपिन ऐरन को हटाकर एकाउंटेंट बना दिया है और वीरेंद्र शर्मा को अकाउंटेंट पद से हटा दिया है। सूत्रों के अनुसार मंदिर एक्ट में लेखाधिकारी पद का प्रावधान नहीं है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और प्रशासक मृणाल मीणा लगातार मंदिर के कामकाज में कसावट ला रहे हैं।








