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महाकाल की मार…अभी 6 और नामों का खुलासा किया है आरोपियों ने

शासन को प्रतिवेदन यानी मगरमच्छ भी निकलेंगे अब महाकाल मंदिर से

  • छोटी मछलियों ने राज उगलना शुरू किया
  • कलेक्टर और एसपी छोड़ेंगे नहीं किसी को
  • बाहर रहकर खेल करने वाले भी निशाने पर
  • स्टेशन से एजेंट गायब होटल संचालक सदमें में  

3 करोड़ तक पहुंचा लेन-देन का मामला!

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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। बुजुर्ग बताते हैं कि बाबा महाकाल के नाम पर भ्रष्ट्राचार करने वालों को पैसा फलता नहीं। यह बात अब चरितार्थ हो रही है। इंसानियत को गिरवी रख बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को टपोस कर अपनी जेब भरने वाले अब सदमें में हैं। मन में खौफ है, यह दोनों कहीं हमारा नाम ही न बता दें।

 

कलेक्टर द्वारा शासन को भेजे गए प्रतिवेदन ने साफ कर दिया है कि अब मगरमच्छ भी सामने आ सकते हैं। जो तेवर चौकसे और श्रीवास्तव हैं के हैं वे इशारा कर रहे हैं कि बड़े खुलासे होंगे। इधर कलेक्टर और एसपी ने भी अपनी रणनीति के तहत जाल बिछा लिया है।

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अधिकारी इन दोनों आरोपियों के भरोसे नहीं हैं। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को गुमराह करने वाले एजेंट गायब हो गए हैं। वे होटल संचालक भी सदमें में हैं जो पैकेज पर यात्रियों को ठहराते हैं। एक महिला की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। उसके पैकेज पर भी प्रशासन की नजर है।

सोमवार को मंदिर में जबरदस्त भीड़ थी। कर्मचारियों के सुर बदले हुए थे। क्रिस्टल कंपनी के कर्मचारियों का रुतबा पहले जैसा नहीं था। मंदिर समिति के कर्मचारी भी सलीके से पेश आए। दर्शन कर लौटै श्रद्धालुओं ने बताया, व्यवस्था में थोड़ा बदलाव नजर आया।

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आईटी शाखा पर पूरी नजर रखी है

साइबर सेल की पूरी नजर आईटी शाखा पर है। कुछ बातें तथ्यात्मक हैं और कुछ चर्चाओं से निकल कर आई है। चर्चा यह है कि मंदिर समिति ने कुछ वीआईपी को कोटे दे रखे हैं। उस कोटे के आधार पर भस्मार्ती में प्रवेश होता है। कोटे से जो बच जाते हैं उसे बड़ी चालाकी से समायोजित किया जाता है। कोटे वाले वीआईपी को यह नहीं पता होता है कि उसके कितने लोगों ने प्रवेश किया। इधर कोटा पूरा हो जाता है। जांच टीम इस तथ्य पर भी काम कर रही है।

जिन्हें जिम्मेदारी दी वे भी संदिग्ध

क्रिस्टल कंपनी और मंदिर समिति के कर्मचारियों को सुरक्षा व्यवस्था के अलावा यह जिम्मेदारी भी दी गई कि वे मंदिर में हो रहे भ्रष्ट्राचार पर नजर रखेंगे। यदि कुछ होता है तो मंदिर समिति के अधिकारियों को बताएंगे। बताना तो दूर इनमें से कई उस मंडली में शामिल हो गए जो राशि लेकर दर्शन करवा रहे थे।

साइबर सेल ने जब सीसीटीवी कैमरे देखना शुरू किए तो बहुत सी जानकारी सामने आने लगी। अभी इस पूरी जानकारी को गोपनीय रखा गया है। ढाई दर्जन चेहरे ऐसे हैं जिन्हें संदिग्ध माना जा रहा है। इनके खिलाफ पुख्ता कार्रवाई के लिए तार से तार जोड़े जा रहे हैं।

बैंक खातों से हकीकत सामने आएगी

महाकाल मंदिर में हो रहे भ्रष्ट्राचार की जड़ें बहुत गहरी हैं। कलेक्टर इस बात को जान गए हैं। यही कारण हैं कि संदिग्ध कर्मचारियों के बैंक खातों की जांच की बात सामने आ रही है। बिनोद मिल के स्थान पर बनने वाली कॉलोनी को सबसे महंगी कॉलोनी माना जा रहा है। यहां राकेश श्रीवास्तव द्वारा सवा करोड़ में प्लाट खरीदने की खबर की सच्चाई जानने के लिए एक टीम कालोनाइजर से संपर्क कर रही है।

वह महिला भी संदेह के घेरे में

सूत्रों का कहना है कि एक महिला है जो होटल संचालिका है। मंदिर से ही यह खबर बाहर निकली है कि वह पैकेज में बात करती है। ठहरने, घूमने और दर्शन करने का पूरा पैकेज रहता है। इस पैकेज में वह दर्शन भी शामिल है जो पैसे लेकर कराए जाते हैं। अब देखना है कि पुलिस इस महिला की सच्चाई किस तरह सामने लाती है।

अधिकारियों का कहना है…

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह का कहना है कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन कार्रवाई कर रहा है। शासन को प्रतिवेदन भेजा है।

इधर पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा का कहना है कि चौकसे और श्रीवास्तव दो ऐसी कड़ी हैं जिनसे कई जानकारियां सामने आएंगी। दोनों को रिमांड पर लेने के लिए आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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