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अखाड़े से बर्खास्त महामंडलेश्वर के सहयोगी ने किया सरेंडर

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महामंडलेश्वर की पदवी देने के नाम धोखाधड़ी के आरोप में जमानत पर जेल बाहर निकली बर्खास्त महामंडलेश्वर के सहयोगी ने न्यायालय के समक्ष सरेंडर कर दिया है। न्यायालय से दो दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा गया है। इस दौरान उससे धोखाधड़ी में शामिल अन्य लोगों के बारे में जानकारी ली जाएगी।

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महामंडलेश्वर का पद दिलाने के नाम पर मंदाकिनी पुरी ने कई लोगों के साथ रुपए लेकर धोखाधड़ी की। महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज निवासी उज्जैन से श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की पद दिलाने के नाम पर मंदाकिनी पुरी ने 7.50 लाख रुपए लिए थे। इस मामले में 6 मई को चिमनगंज थाना पुलिस ने मंदाकिनी पुरी और उनके सहयोगी अश्विन चौधरी निवासी ग्राम गडोवली जिला हरिद्वार (उत्तराखंड) के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था।

 

वहीं जयपुर के महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर पुरी महाराज के साथ भी आचार्य महामंडलेश्वर की पदवी दिलाने के नाम पर मंदाकिनी पुरी ने 8.92 लाख रुपए लिए। मामले में भी 10 मई को महाकाल थाना पुलिस ने मंदाकिनी पुरी और सहयोगी अश्विन चौधरी के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद मंदाकिनी पुरी ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का भी प्रयास किया था। अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

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वहीं अखाड़ा परिषद् ने भी महामंडलेश्वर की उपाधि से हटाते हुए उन्हें निष्कासित कर दिया था। मामले में पुलिस को उनके सहयोगी अश्विन चौधरी की तलाश थी। पुलिस की टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए हरिद्वार भी गई थी लेकिन वहां से अश्विन फरार हो गया था। अश्विन चौधरी ने उज्जैन पहुंच कर न्यायालय के समक्ष सरेंडर कर दिया। महाकाल थाना प्रभारी अजय कुमार वर्मा ने बताया महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी के सहयोगी ने गुरुवार को उज्जैन पहुंच कर न्यायालय में सरेंडर कर दिया। न्यायालय ने उसे दो दिन के रिमांड पर महाकाल थाना पुलिस को सौंपा है।

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