Monday, September 25, 2023
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महाकाल कॉरिडोर के प्रथम चरण में कई विशेषता

महाकाल कॉरिडोर के प्रथम चरण में कई विशेषता

खूबसूरत प्रांगण में धर्म, संस्कृति-परंपरा की झलक

उज्जैन।ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के पीछे आकार ले चुका भव्य महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण ११ अक्टूबर को कर दिया जाएगा। महाकाल कॉरिडोर के प्रथम चरण में कई विशेषता के साथ खूबसूरत प्रांगण में धर्म, संस्कृति और परंपरा की झलक हैं।मध्यप्रदेश की सरकार द्वारा महाकाल मंदिर परिसर को आठ गुना बड़ा और खूबसूरत बनाया जा रहा है। प्रथम चरण में मंदिर की चारों दिशाओं में 350 करोड़ रुपये के आठ कार्य धरातल पर आकार दिखाई देने लगे हैं।

महाकाल मंदिर से 70 मीटर के दायरे में सम्मिलित सभी बाधाएं हटाकर उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी वन क्षेत्र बनाने का काम कर रही है। मंदिर के पश्चिमी दिशा में रुद्रसागर का सुंदरीकरण किया जा रहा है। यहीं महाकाल कॉरिडोर बनाया गया है। मंदिर में प्रवेश के लिए त्रिवेणी संग्रहालय के पीछे और दाहिनी ओर दो प्रवेश द्वार बनाए गए हैं।

ब्रिज की तरफ बने द्वार से जुड़ा 920 मीटर लंबा खूबसूरत कॉरिडोर, हार-फूल-प्रसाद-श्रृंगार की दुकानें, टिकट काउंटर बनकर तैयार हैं। कारिडोर के एक तरफ 25 फीट ऊंची लाल पत्थर की दीवार पर शिव महापुराण में उल्लेखित देवी-देवताओं के भित्तिचित्र उत्कीर्ण किए गए हैं। इसके ठीक सामने परिसर में पुरातन स्वरूप में 108 आकर्षक स्तंभ सहित भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की 15 से 25 फीट ऊंची मूर्तियां स्थापित की गई हैं। रूद्र सागर के किनारे फोरलेन स्मार्ट रोड बनाई गई है।

मंदिर की दक्षिणी दिशा में बेगमबाग मार्ग को चौड़ा कर लिया गया है। प्रथम चरण महाकाल मन्दिर परिसर विकास योजना के प्रथम चरण का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है।मेन गेट के सामने श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित की गई। श्रद्धालु जब महाकाल कॉरिडोर में एंट्री करेंगे तो सबसे पहले सर्वप्रथम भगवान गणेश के दर्शन होंगे. मंदिर विस्तारीकरण का प्रथम फेज का काम पूरा हो चुका है।

महाकाल मंदिर का अपना पॉवर प्रोजेक्ट, बनेगी बिजली

महाकाल मंदिर, स्वयं की बिजली पर निर्भर होगा। इसके लिए मंदिर परिसर में 125 किलोवाट का नेट मेटरिंग आधारित सोलर रूफ टाप संयंत्र लगाया जाएगा। त्रिवेणी संग्रहालय के सामने 14 करोड़ रुपये खर्च कर बनाए सरफेस पार्किंग जोन में 400 किलोवाट बिजली उत्पादन क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित कर दिया गया है।

जहां गाडिय़ां खड़ी होंगी, उसकी छत पर सोलर पैनल फीट किए गए हैं। मंदिर परिसर में 35 किलो वाट का एक सोलर प्लांट पहले से काम कर रहा है। कहा गया है कि तीसरे चरण में और काम होगा। कुल 560 यूनिट रोज बिजली मंदिर को मिले, इसकी योजना बनाई है। मंदिर में प्रकाश व्यवस्था के लिए 700 यूनिट बिजली प्रतिदिन की आवश्यकता रहती है।

प्रोजेक्ट की खास बात

महाकाल कॉरिडोर परियोजना, 750 करोड़ की श्री महाकाल महाराज मंदिर परिसर विस्तार परियोजना का एक भाग है।

परियोजना को आकार देने के लिए महाकाल मंदिर क्षेत्र को आठ गुना बड़ा किया है। विस्तारित क्षेत्र 2.82 हेक्टेयर से बढ़ाकर 20.23 हेक्टेयर हो गया है।

परियोजना का काम सात मार्च 2019 को शुरू हुआ था। अनुबंध अनुसार गुजरात की फर्म एमपी बाबारिया को सितंबर 2020 तक पूर्ण करके दे देना था, लेकिन कोरोना, लॉकडाउन के चलते काम प्रभावित हुआ

कॉरिडोर मेंस्थापत्य कला, संस्कृति और आध्यात्मिक भाव को अभिव्यक्ति देने का प्रयास किया है।

900 मीटर लंबी और 25 फीट ऊंची बनाई लाल पत्थर की दीवारों पर शिवमहापुराण में उल्लेखित घटनाओं को भित्ती चित्र के रूप में उत्कीर्ण किया है।

कॉरिडोर के एक तरफ पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से बनीं भगवान शिव सहित अन्य देवी-देवताओं की 190 से अधिक विशाल मूर्तियां स्थापित की गई हैं।

मंदिर प्रवेश के लिए नया महाकाल द्वार, फेसिलिटी सेंटर, हार-फूल- श्रृंगार की दुकानें, प्रसाद काउंटर, जूता-चप्पल स्टैंड भी कारिडोर बनाया है।

रुद्रसागर की सफाई कराकर उसमें नर्मदा-शिप्रा के जल भरा जा रहा है। वैदिक घड़ी भी लगाई जा रही है। चक्र 30 घंटे, 30 मिनट, 30 सेकंड के होंगे।

महाकाल कॉरिडोर को देखने के लिए कारिडोर में ई-रिक्शा संचालन की व्यवस्था भी गई है। त्रिवेणी कला संग्रहालय की बाउंड्रीवाल तोड़कर इसे महाकाल कॉरिडोर से जोड़ दिया गया है।

महाकाल कॉरिडोर का काम लगभग पूर्णता की कगार पर है। सफाई और छुट-पुट फिनिशिंग स्तर का काम शेष है। वह भी जल्द पूरा करवा लिया जाएगा। कॉरिडोर की सौगात से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लोग ज्यादा दिन यहां रुकेंगे।
आशीष सिंह, कलेक्टर उज्जैन।

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