अष्टमी पर माता गजलक्ष्मी का 501 ली. दूध से अभिषेक

शाम को मिलेगा खीर प्रसाद
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उज्जैन। अश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मां गजलक्ष्मी और हाथी पूजन का महत्व है। अष्टमी पर रविवार को सुबह से नई पेठ स्थित मां गजलक्ष्मी के मंदिर पर विशेष आयोजन हुए।
पुजारी अवधेश शर्मा ने बताया अष्टमी पर हाथी पूजन के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष विधान होता है। इसलिए सुबह से ही मंदिर पर विशेष साज-सज्जा की गई। सुबह 501 लीटर दूध से माता का अभिषेक हुआ इसके बाद विशेष श्रृंगार व पूजन किया गया। दोपहर 12 बजे महाआरती हुई जिसमें सैकड़ों लोग मौजूद थे।
दर्शन का क्रम भी दिनभर चला, हजारों लोग माता का आशीर्वाद लेने पहुंचे। खासकर व्रत-पूजन करने वाली महिलाएं यहां दिनभर पूजन-दर्शन के लिए पहुंची। शाम 5 बजे से मंदिर मेें अर्पिता सक्सेना की भजन संध्या होगी। रात नौ बजे खीर की महाप्रसादी वितरित होगी। यह खीर सुबह अभिषेक मेें उपयोग 501 लीटर दूध से बनाई जा रही है।
घर-घर में हुई मिट्टी के हाथी की पूजन
हाथी अष्टमी, महालक्ष्मी व्रत आदि नामों से इस दिन घरों ने पूजन किया गया। महिलाओं ने घरों में पकवानों के आभूषण बनाकर मिट्टी के हाथी को सजाया और उसकी पूजन की। मिट्टी के हाथी और पूजन सामग्री की खरीदारी भी दिनभर घरों में चली। शाम को हाथी का पूजन कर उसे विदा किया जाएगा।