महाकाल में महाघोटाला: दर्शन के नाम पर लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन

By AV NEWS

पूछताछ में खुलासा: रुपए लेकर दर्शन, जलाभिषेक में आधा दर्जन से अधिक शामिल

  • आरोपी बोले… कलेक्टर को ही देंगे जानकारी
  • आज कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगेगी पुलिस
  • घोटाला सामने आने के बाद प्रशासन हैरान

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के मामले में पकड़े गए कर्मचारियों से पूछताछ में नए खुलासे हो रहे हैं। इनके खातों में अब तक लाखों रुपए का लेन-देन सामने आया है। इनका कहना है कि वह अकेले यह काम नहीं कर रहे थे बल्कि एक पूरा रैकेट लगा हुआ है।

महाकालेश्वर मंदिर में दर्शनों को पहुंचने वाले हर श्रद्धालु की इच्छा होती है कि वह भगवान के सबसे नजदीक जाकर दर्शन कर पाए, लेकिन मंदिर में सामान्य व्यक्तियों के लिए बेरिकेड्स से दर्शनों का नियम है। ऐसे में यह श्रद्धालु नजदीक तक जाने के लिए कर्मचारियों की मदद लेते हैं। इसके लिए बाकायदा रैकेट काम करता है जो श्रद्धालुओं को प्रवेश के साथ ही दर्शन सुविधा उलब्ध कराता है।

इसलिए कलेक्टर को बताएंगे सच

महाकाल थाने में सब इंस्पेक्टर से लेकर थाना प्रभारी और सीएसपी से लेकर एएसपी तक दोनों आरोपियों से पूछताछ कर चुके हैं। कर्मचारियों का कहना है कि हम कलेक्टर के सामने ही पूरे मामले की सच्चाई बताएंगे और अपने बयान दर्ज कराएंगे। संभवत: आज दोनों अफसर उक्त कर्मचारियों से पूछताछ के बाद बड़ा खुलासा करेंगे। साथ ही रैकेट से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी भी होगी। इसके बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

मोबाइल ने उगले कर्मचारियों के राज

मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने समिति कर्मचारी नंदी हॉल प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और सफाईकर्मी विनोद चौकसे के खिलाफ श्रद्धालुओं से रुपए लेकर दर्शन कराने के मामले में महाकाल थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया। उनके मोबाइल जब्त किए। दोनों के मोबाइल ने लाखों के ट्रांजेक्शन और चेटिंग के कई राज खोले। मंदिर से जुड़े अफसरों ने बताया कि समिति के कर्मचारियों को कलेक्टर रेट दर अनुसार वेतन भुगतान किया जाता है जो अधिकतम 16 हजार रुपए प्रतिमाह है, लेकिन उक्त दोनों कर्मचारियों के खातों में प्रतिमाह लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन हो रहा था। विनोद चौकसे के मोबाइल चेटिंग में कर्नाटक, बिहार, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, मुंबई, गुजरात के लोगों से बातचीत की जानकारी सामने आई है।

ऊपर तक बंटते थे रु., रैकेट कर रहा था काम…

पुलिस द्वारा विनोद और राकेश से जब्त हुए मोबाइल से पुलिस को यह जानकारी भी मिली है कि यह दोनों तो सिर्फ रैकेट की एक कड़ी हैं। पूरे मामले में सिक्युरिटी एजेंसी से जुड़े कर्मचारी और अफसर, कम्प्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं। हालांकि पूछताछ में दोनों कर्मचारी पुलिस अफसरों के सामने नाम उजागर नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनके मोबाइल से पूरे रैकेट का पटाक्षेप हो चुका है।

इनका कहना

शनिवार, रविवार को आरोपियों के बैंक खातों की जानकारी नहीं मिल पाई थी। आज स्थिति क्लियर हो जाएगी। दोनों को आज कोर्ट में पेश करेंगे। मामले में और लोग भी शामिल हैं। आरोपियों की संख्या भी बढ़ेगी और उनकी गिरफ्तारी भी की जाएगी। प्रदीप शर्मा, पुलिस अधीक्षक

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