स्मृति शेष : समाज के ‘अनमोल रत्न’ थे विमल मूथा

By AV News

विमल चंद मूथा का जन्म मानमल मूथा के प्रतिष्ठित जैन परिवार में 23 जुलाई 1937 को हुआ। माधव कॉलेज में इंटरमीडिएट साइंस की कक्षा में प्रवेश लेकर आपने बीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की। मूथा सन् 1957 में स्टूडेंट्स यूनियन की छात्र संघ असेंबली के स्पीकर रहे।

माधव कॉलेज से शिक्षा पूरी कर मूथा ने अपने जीवन में दो लक्ष्य निर्धारित किये।आत्मोद्धार के लिए समाज सेवा तथा जीवन यापन हेतु निजी व्यवसाय। समाज सेवा का व्रत लेकर आपने नित्य मंदिर जाना तथा वहां अपनी सेवाएं देना आरंभ किया। दोनों ही क्षेत्रों में भाई विमल जी को यश, कीर्ति, प्रतिष्ठा, प्रसिद्धि एवं सम्मान प्राप्त हुआ।

विमल जी ने अपने स्वर्गीय भाई प्रकाश मूथा के साथ मिलकर विप्पी इंडस्ट्रीज लिमिटेड और विपक्षी स्पाइन प्राइवेट लिमिटेड देवास आरंभ किये। आप सन् 1969 से रोटेरियन क्लब के अध्यक्ष रहे। सन् 1970 में आपको पॉल हैरिस फैलोशिप प्राप्त हुई।

आपको सितंबर 2000 में लायंस क्लब उज्जैन द्वारा ‘उज्जयिनी रत्न’अलंकरण प्रदान किया गया। 22 जनवरी 2010 को पंडित रत्न रमेश मुनि महाराज साहब द्वारा ‘समाज रत्न’ की उपाधि से सम्मानित किया गया! श्री विमल मूथा ने मानव सेवा को माधव सेवा मानकर उसकी सेवा करने हेतु अपने साथियों के साथ मिलकर उज्जैन चैरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना में ट्रस्ट के संस्थापक- अध्यक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया तथा उज्जैन नगर को चिकित्सा जगत् में एक बड़ी सौगात प्रदान की।

आप इस चिकित्सा संस्थान की 5 इकाईयां कार्यरत थे ।आप ऑल इंडिया श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली के वरिष्ठ मार्गदर्शक व कार्यकारी सदस्य भी रहे। मूथा भारतीय साधुमार्गीय जैन संघ बीकानेर के कार्यकारिणी सदस्य एवं वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ नमक मंडी उज्जैन के संरक्षण भी थे।

रोटरी इंटरनेशनल प्रेसिडेंट कल्याण बनर्जी द्वारा आपको सन् 2010 में ‘रोटरी रत्न’ से सम्मानित भी किया गया। विमल मूथा सन 2010 से ऑल इंडिया सीनियर माधवियंस फोरम उज्जैन के वरिष्ठ सदस्य रहे।

मैं अपने कॉलेज साथी व मित्र भाई विमल को सविनय श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भगवान् महाकाल और भगवान महावीर उनकी दिवंगत आत्मा को चिर शांति प्रदान करें।
– रमेश दीक्षित (वरिष्ठ लेखक व संरक्षक, ऑल इंडिया सीनियर माध्यमिक फोरम, उज्जैन )

Share This Article