नहीं रुका बंदर का आतंक, सुबह फिर एक महिला को काटकर किया घायल

By AV News 1

दो माह में 22 लोगों को किया जख्मी, वन विभाग का अमला पकड़ नहीं पाया

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन पंवासा थाना क्षेत्र के गांवों में बंदर का आतंक जारी है। सुबह पानी भरने जा रही गलपुरा की महिला को आतंकी बंदर ने काटकर घायल कर दिया जबकि इसके द्वारा काटकर घायल किये गये बच्चों का जिला चिकित्सालय में अब भी उपचार जारी है। वहीं दूसरी ओर वन विभाग का अमला दो माह में आतंकी बंदर को पकड़ने में नाकामयाब रहा। यहां तक कि डीएफओ लोगों का न तो फान उठा रही हैं और न ही मैसेज का जवाब दे रही हैं।

सुबह गलपुरा में रहने वाली महिला पानी भरने घर के बाहर निकली थी उसी दौरान बंदर ने महिला पर हमला कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि महिला को उसके परिजन तत्काल प्रायवेट अस्पताल में उपचार कराने ले गये। इसके एक दिन पहले इसी आतंकी बंदर ने हर्षिता पिता पवन बनेठिया 8 निवासी पंवासा भाई को बचाने के चक्कर में बंदर के काटने पर घायल हुई थी वहीं गौरव सिसौदिया निवासी नीमनवासा, वंश पिता रामप्रसाद निवासी नीमनवासा और सुष्मिता पति दिनेश को इसी आतंकी बंदर ने काटकर घायल किया था। ग्रामीणों ने पुलिस व वन विभाग के अमले को बंदर की शिकायत की जिसके बाद वन विभाग का अमला आतंकी बंदर को पकड़ने भी पहुंचा था लेकिन अब तक उक्त बंदर को वनकर्मी पकड़ नहीं पाये हैं।

ग्रामीण बोले… डीएफओ फोन तक नहीं उठातीं

बंदर के आतंक से भयभीत ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो माह में आतंकी बंदर 22 से अधिक महिला-पुरुष व बच्चों को काटकर घायल कर चुका है। इसकी शिकायत डीएफओ किरण बिसेन से बात करने के लिये उन्हें कई बार फोन लगाये गये लेकिन मोबाइल पर सिर्फ मैसेज आता है प्लीज टैक्स्ट मी। मैडम द्वारा फोन रिसीव नहीं किये जाने के कारण पुलिस को शिकायत करना पड़ी लेकिन पुलिस ने बंदर को पकड़ने में भी असमर्थता जताई है।

10 लोगों की टीम, वह भी अनट्रेंड

ग्रामीणों ने डीएफओ को टैक्स्ट मैसेज किया कि बंदर मोबाइल टॉवर पर बैठे हैं और लोगों को काटकर घायल कर रहे हैं। उक्त टैक्स्ट मैसेज लिखने पर भी डीएफओ किरण बिसेन के मोबाइल से फिर मैसेज आया प्लीज टैक्स्ट मी। ग्रामीणों के अनुसार बंदरों के आतंक से लोगों का घर से निकलना दूभर हो चुका है। जरूरी काम के लिये घर से निकलने वाले लोग हाथों में डंडे और पत्थर लेकर चल रहे हैं। वन विभाग के पास 10 लोगों की रेस्क्यू टीम है लेकिन उनका काम देखकर वह भी अनट्रेंड ही नजर आते हैं क्योंकि आतंकी बंदर को पकड़ने में इतना समय नहीं लगता।

Share This Article