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उज्जैन में बन रहा मूंग-चने का प्रोटीन, यूरोप तक मांग

खाद्य प्रसंस्करण का नया हब बन रहा उज्जैन, रेलसस ने शुरू किया उत्पादन, विक्रम उद्योगपुरी में 97 करोड़ का निवेश

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उज्जैन। अब तक खेती के लिए विख्यात उज्जैन, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में भी अपनी मजबूत पहचान बना रहा है। देश की अग्रणी कंपनी रेलसस इंडिया ने विक्रम उद्योगपुरी में अपनी यूनिट से उत्पादन शुरू कर दिया है। यह पहल उज्जैन को औद्योगिक विकास के ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

जैविक खेती से गाँव की अर्थव्यवस्था होगी मजबूत

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रेलसस इंडिया ऐसे प्रोटीन का उत्पादन कर रही है, जो पशु-आधारित प्रोटीन के मुकाबले अधिक स्वास्थ्यवर्धक और पर्यावरण-अनुकूल माना जाता है। कंपनी का पूरा उत्पादन कीटनाशकों और रासायनिक खाद से मुक्त जैविक खेती पर आधारित है।

2 हजार टन चने की मांग, किसानों को होगा सीधा लाभ: कंपनी चना, मूंग और मटर जैसी फसलों को सीधे किसानों से तय दामों पर खरीदेगी। इससे किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता खत्म होगी और फसल की सही कीमत मिलेगी। कंपनी को शुरुआत में हर साल 1000 से 2000 टन चने की जरूरत होगी, जिसे अगले साल तक बढ़ाकर 10 हजार टन करने की योजना है। यह जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए सुनहरे मौके खोलेगा।

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किसानों को मिलेगी ट्रेनिंग: रेलसस किसानों को जैविक खेती की ट्रेनिंग देगी और उन्हें बीज, खाद तथा तकनीकी मदद प्रदान करेगी। किसान एक समझौते के तहत खेती करेंगे, जिससे उन्हें अपनी पूरी फसल बेचने की गारंटी मिलेगी।
चुनौतियां और सरकारी सहयोग: कंपनी के सीईओ विनीत सिंघल ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती जैविक फसलों की नियमित सप्लाई सुनिश्चित करना है। इसके लिए कंपनी गांवों में एक मजबूत नेटवर्क बनाना चाहती है। सिंघल ने मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौर से इस संबंध में चर्चा की।

निवेश, रोजगार और निर्यात

निवेश- रेलसस इंडिया ने इस यूनिट में 97 करोड़ का निवेश किया है।

रोजगार- कंपनी सीधे तौर पर 180 लोगों को रोजगार देगी, वहीं सैकड़ों किसानों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा।

उत्पाद- यूनिट में चना, मूंग, मटर जैसी फसलों से उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन और स्टार्च बनाया जा रहा है।

निर्यात- स्वास्थ्य के लिए लाभदायक ये उत्पाद यूरोपीय देशों और इंग्लैंड में निर्यात किए जाएंगे, जहाँ इनकी उच्च मांग है।

किसानों को प्रमोट करने वाली कंपनी के साथ सरकार
सरकार हर तरह से मदद करेगी। सरकार ऐसी कंपनियों को प्राथमिकता दे रही है, जो पर्यावरण को बचाते हुए विकास करे और किसानों की कमाई बढ़ाएं।
-राजेश राठौर
एमपीआईडीसी, कार्यकारी निदेशक

शुद्ध खाना पहुंचाना मकसद
हमारा मकसद साफ-सुथरा और स्वस्थ खाना दुनिया तक पहुंचाना है, साथ ही भारतीय किसानों को आर्थिक रूप से ताकतवर बनाना है। हमारा मानना है कि इस प्रोजेक्ट से गांवों में पैसा आएगा और युवा भी खेती की ओर आकर्षित होंगे।
-विनीत सिंघल
सीईओ, रेलसस कंपनी

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