जीआरपी के 17 में से 3 और आरपीएफ के 72 में से 68 कर रहे काम
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। यात्रियों की सुरक्षा, संदिग्धों पर नजर रखने के लिए रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म और परिसर में 100 के लगभग सीसीटीवी कैमरे जीआरपी और आरपीएफ ने लगाए हैं। इनमें से जीआरपी के मात्र 3 सीसीटीवी कैमरे चालू हालत में हैं बाकी बंद पड़े हैं।
रेलवे स्टेशन परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों से आरपीएफ और जीआरपी चोर, बदमाशों और संदिग्धों पर नजर रखती है। इन्हीं कैमरों की मदद से पुलिस ने कई बड़े अपराधियों को पकड़ा है। यही नहीं शहर से लापता होने वालों की तलाश में सिटी थानों की पुलिस भी इन्हीं कैमरों की मदद लेती है।
किस विभाग के कितने कैमरे
आरपीएफ के रेलवे स्टेशन और परिसर में कुल 72 कैमरे लगे हैं। इनमें से 68 कैमरे चालू हालत में हैं, जबकि जीआरपी द्वारा स्टेशन क्षेत्र में कुल 17 कैमरे लगाए गए हैं जिनमें से मात्र 3 चालू हालत में हैं, खास बात यह कि आरपीएफ द्वारा रेलवे नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाती है जबकि आपराधिक मामले जीआरपी देखती है जिसे कैमरों की अधिक आवश्यकता है और उन्हीं के अधिकांश कैमरे बंद पड़े हैं।
हजारों यात्रियों का प्रतिदिन होता है आवागमन
महाकाल लोक बनने के बाद से शहर में देश भर से प्रतिदिन हजारों की संख्या में यात्रियों का ट्रेन से आवागमन होता है। उनकी सुरक्षा और संदिग्धों पर नजर रखने के लिए स्टेशन परिसर और प्लेटफाम्र्स पर अधिक सीसीटीवी कैमरे की आवश्यकता है, लेकिन स्थिति इसके ठीक उलट है।
आरपीएफ के कैमरों की लेते हैं मदद
जीआरपी थाने में यदि चोरी, जेबकटी, मारपीट, छेड़छाड़ या अन्य आपराधिक प्रकरण दर्ज होता है जिनमें पुलिस को सीसीटीवी फुटेज की आवश्यकता होती है ऐसे मामलों में जीआरपी के पुलिसकर्मी आरपीएफ पोस्ट पहुंचकर उनके कैमरों के फुटेज चैक करते हैं।
इनका कहना
जीआरपी थाने के कुल 17 कैमरे स्टेशन क्षेत्र में लगे हैं जिनमें से मात्र 3 कैमरे चालू हैं। बंद कैमरों को सुधारने के लिए कांट्रेक्टर को पत्र लिखा है। उसके द्वारा शीघ्र कैमरों को ठीक करने की बात कही गई है।
सोहन सिंह पाटीदार, थाना प्रभारी जीआरपी