पार्टी भविष्य की रणनीति के मद्देनजर नए नेतृत्व को उभारने की तैयारी
अक्षरविश्व न्यूज. भोपाल:पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में अपनी सत्ता वाले मध्य प्रदेश में भाजपा नतीजों के बाद बड़े बदलाव कर सकती है। सरकार में होने के बावजबद भाजपा ने यहां पर अन्य राज्यों की तरह मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया। पार्टी भविष्य की रणनीति के मद्देनजर नए नेतृत्व को उभारने की तैयारी में हैं। चुनाव के नतीजे भी इस पर असर डालेंगे। भावी फैसले में सामाजिक समीकरणों के साथ राजनीतिक हालात भी अहम होंगे। मध्य प्रदेश में भाजपा बीते दो दशकों से (सवा साल छोड़कर) सत्ता में रही है और नेतृत्व ओबीसी वर्ग के पास ही रहा।
नए नेतृत्व को उभारने की तैयारी सूत्रों के अनुसार, भाजपा राज्य में नए नेतृत्व को उभारने की तैयारी में हैं। उसने प्रमुख नेताओं को विधानसभा चुनाव में भी उतारा है। इनमें राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रह्लाद पटेल, सांसद राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक शामिल हैं। भाजपा इन नेताओं के अलावा राज्य के अन्य नेताओं में भावी विकल्प खोज रही है।
मुख्य पोस्टर में कई नेताओं को जगह विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने अपने पोस्टर में जिन नेताओं को जगह दी उनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रह्लाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, नरेंद्र तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र कुमार, नरोत्तम मिश्रा व कविता पाटीदार शामिल हैं। हाल के वर्षों में पार्टी ने कविता को काफी आगे बढ़ाया और राज्यसभा सांसद बनाने के साथ प्रदेश संगठन में भी अहम भूमिकाएं सौंपी गईं। सूत्रों के अनुसार कविता को भविष्य की नेता माना जा रहा है। वह पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखती हैं। लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा का महिला समुदाय पर खासा जोर भी है।
लोकसभा चुनाव की रणनीति अहम
विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जमकर प्रचार किया और डेढ़ सौ से ज्यादा सभाएं और रोड शो किए। पूरे प्रदेश में उनकी सबसे ज्यादा अपील रही। लोकसभा चुनाव भी मात्र चार महीने दूर हैं। ऐसे में पार्टी के फैसले में लोकसभा चुनावों की रणनीति सबसे ऊपर रहेगी।