Advertisement

MP, UP और राजस्थान समेत 8 राज्यों में 70% से ज्यादा लोगों में मिलीं एंटीबॉडी

देश के 21 राज्यों में किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि यहां की दो-तिहाई आबादी में कोरोना वायरस एंटीबॉडी डेवलप हुई हैं। 79% एंटीबॉडी के साथ मध्य प्रदेश सबसे आगे है, जबकि सिर्फ 44.4% एंटीबॉडी के साथ केरल सबसे पीछे है। चिंता की बात यह है कि फिलहाल देश में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले केरल में ही सामने आ रहे हैं।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

इंडियन मेडिकल रिसर्च काउंसिल (ICMR) की तरफ से 14 जून से 16 जुलाई के बीच कराए गए सीरो सर्वे की रिपोर्ट बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की है। देश के 70 जिलों में ICMR का यह चौथा सीरो सर्वे है। किसी आबादी के ब्लड सीरम में एंटीबॉडी के लेवल को सीरोप्रिवलेंस या सीरोपॉजिटिविटी कहा जाता है।

 

इन नतीजों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सुझाव दिया है कि वे ICMR के दिशा-निर्देश में अपनी खुद की सीरोप्रिवलेंस स्टडी कराएं। उस सीरो सर्वे के नतीजों को कोरोना के बेहतर नियंत्रण के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।

Advertisement

ICMR के सीरो सर्वे नेशनल लेवल पर कोविड इंफेक्शन के फैलाव को समझने के लिए डिजाइन किया गया था। लिहाजा इसके नतीजे जिलों और राज्यों के बीच सीरोप्रिवलेंस की विविधता या वैराइटी नहीं दिखाते हैं।

एंटीबॉडी टेस्ट को कहते हैं सीरो सर्वे

Advertisement

किसी आबादी के ब्लड सीरम में एंटीबॉडी की मौजूदगी पता लगाने के टेस्ट को सीरो-स्टडी या सीरो सर्वे कहते हैं। अगर इस टेस्ट में किसी व्यक्ति में किसी एंटीबॉडी का स्तर बहुत ज्यादा मिलता है, तो इससे समझा जा सकता है कि उस व्यक्ति को इन्फेक्शन पहले हो चुका है। इससे कोरोना वायरस की मौजूदगी और उसके फैलाव के ट्रेंड को मॉनिटर करने में मदद मिलती है।

सामान्य तौर पर सीरो टेस्ट ऐसी आबादी पर किया जाता है, जिसके नतीजों को पूरे देश की आबादी पर इस्तेमाल किया जा सके। आबादी का चुनाव कई सैंपलिंग तकनीकों से किया जाता है। सीरो सर्वे बड़ी आबादी पर किए जाने की जरूरत नहीं होती है।

Related Articles