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दलालों के हाथ में नगर निगम का सिस्टम…

दबाव-प्रभाव-दिखाओ, सर्टिफिकेट ले जाओ

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नियमानुसार आवेदन करने पर लगते हैं 15 से 30 दिन, पेंडिंग का बहाना….

 

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:नगर निगम की व्यवस्था पर महापौर और आयुक्त का नियंत्रण नहीं होने का परिणाम यहां आवश्यक कार्य के लिए आने वाले सामान्य लोगों को भुगतना पड़ रहा है। नगर निगम से संचालित होने वाली विभिन्न शासकीय योजनाओं और प्रमाण पत्र के विभागों में दलाल सक्रिय हैं। स्थिति यह है कि दलालों के माध्यम से आने वाले काम तत्काल हो जाते हैं। दबाब, प्रभाव की राह भी यह दलाल बताते हैं क्योंकि इसमें उनके निजी हित जुड़े होते हैं। दलालों की लाइजिंग से मैरीज प्रमाण पत्र सहित अन्य सर्टिफिकेट हाथोंहाथ बनाए जाते हैं, जबकि नियमानुसार आवेदन करने वाले लोगों को पेंडिंग का बहाना बनाकर 15 से 30 दिन तक चक्कर लगवाये जा रहे हैं।

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विवाह पंजीयन कार्यालय में पर्याप्त स्टाफ है। एक अधिकारी, एक बाबू के अलावा कम्प्यूटर ऑपरेटर और आउटसोर्स कर्मचारी पदस्थ है। बताया जाता है कि विभाग में प्रतिदिन 3-4 विवाह पंजीयन के आवेदन आते हैं, लेकिन इन्हें पेंडिंग में रख दिया जाता है। लोगों को 15 से अधिक दिन का समय और जल्दबाजी करने पर कागजों में कमी बताकर लौटा दिया जाता है। सार्टिफिकेट बनने में होने वाली देरी से परेशान व्यक्ति विभाग के आसपास घूमने वाले दलालों के संपर्क में आता है तो 24 घंटे में उसका काम हो जाता है।

हर व्यक्ति की अलग-अलग व्यवस्था….

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सामान्य व्यक्ति विवाह पंजीयन का आवेदन करता है तो उससे विभिन्न 15 प्रकार के दस्तावेज की मांग की जाती है। फिर आवेदन जांच, वेबसाइड पर अपलोड, भोपाल से स्वीकृति आदि कार्यवाही समझाकर सार्टिफिकेट बनने में 15 से 30 दिन की समय सीमा दी जाती है। इसके विपरीत पार्षद, महापौर, विधायक की सिफारिश लगाओ तो यह काम 1-2 दिन में भी हो सकता है। जबकि प्रदेश सरकार द्वारा विवाह पंजीयन के साथ ही जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र को आवश्यक सेवाओं में रखकर आवेदक को तुरंत उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं।

इनका कहना

मुझे इस परिस्थिति की कोई जानकारी नहीं है। यदि दलाल सक्रिय हैं और सार्टिफिकेट बनाने की प्रक्रिया में लापरवाही हो रही है तो संबंधित अधिकारी से जवाब तलब किया जायेगा। आमजन को परेशानी न हो इसके निर्देश भी दिये जाएंगे।-मुकेश टटवाल, महापौर

मैंने तो 22 को ही ज्वाईन किया है…

विवाह पंजीयन कार्यालय की अधिकारी साधना चौधरी से सार्टिफिकेट बनने में होने वाली देरी के संबंध में चर्चा की गई तो उनका कहना था कि मैंने तो 22 को ही ज्वाईन किया है। मुझे 90 आवेदन पेंडिंग होने की जानकारी मिली है। एक आवेदन को ऑनलाइन अपलोड करने में 1 से डेढ़ घंटे का समय लगता है। ड्यूटी टाइम में प्रतिदिन 3-4 आवेदन ही अपलोड हो पाते हैं।

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