जातिगत समीकरण को तवज्जो दी जाएगी
सीएम की पसंद का ख्याल भी रखा जाएगा
प्रदेश प्रतिनिधि के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी
नरेन्द्र सिंह अकेला|उज्जैन। भाजपा के कुछ शहरों में शहर और जिलाध्यक्षों को लेकर पेंच फंसा हुआ है। संगठन इसकी घोषणा में लगा हुआ है। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी राजधानी से लेकर शहरों तक चर्चा का दौर शुरू हो गया है। कई नाम चर्चा में हैं। जातिगत समीकरण भी देखे जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव अधिकारी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री के तौर पर डॉ. मोहन यादव सत्ता से लेकर संगठन तक सुर्खियों में हैं। इसलिए उनकी पसंद का भी विशेष ख्याल रखा जाएगा। संगठन चाहता है कि नए अध्यक्ष का मुख्यमंत्री के साथ तालमेल बना रहे। जिस तरह सरकार चल रही है उसी तरह संगठन भी चले। अभी मुख्यमंत्री ने अपनी पसंद के पत्ते नहीं खोले हैं। उज्जैन शहर और ग्रामीण अध्यक्ष में उनकी पसंद को ही तरजीह दी गई है। अब उत्तर और दक्षिण विधानसभा से प्रदेश प्रतिनिधि का चयन होना है। यह प्रतिनिधि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में अपनी सहभागिता निभाएंगे। यदि मतदान की नौबत आती है तो इन्हें वोट देने का अधिकार भी रहेगा।
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की बात करें तो नया अध्यक्ष 15 जनवरी तक मिल जाना चाहिए था, लेकिन शहर और ग्रामीण अध्यक्ष के नामों में पेंच फंस जाने से यह प्रक्रिया भी आगे बढ़ गई है। वर्तमान अध्यक्ष वीडी शर्मा पांच साल तक इस पद पर रहे और निर्विवाद रूप से काम किया। उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
पहले यह चर्चा भी थी कि उनकी कार्यशैली और रिपोर्ट कार्ड को देख कर एक मौका और दिया जा सकता है, लेकिन कुछ वरिष्ठों का मानना था कि नए को मौका मिलना चाहिए। इसलिए पार्टी ने चुनाव प्रक्रिया के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव अधिकारी बनाया। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में जातिगत समीकरण को भी महत्व देना चाहती है। उसे सीएम की पसंद का ख्याल भी रखना है।
हेमंत खंडेलवाल का नाम चर्चा में
प्रदेश अध्यक्ष के लिए बैतूल के विधायक हेमंत खंडेलवाल का नाम सुर्खियां बटोर रहा है। हेमंत के बारे में बताया जाता है कि वे निर्विवाद हैं और शांत स्वभाव के नेता हैं। सामान्य वर्ग से नरोत्तम मिश्रा का नाम भी चर्चा में लिया जा रहा है। मिश्रा शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में मंत्री रह चुके हैं। महाराष्ट्र चुनाव में उन्हें अहम जिम्मेदारी दी गई थी। उनके समर्थक नाम बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सामान्य वर्ग से पूर्व मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का नाम भी लिया जा रहा है। वहीं दूसरी और भाजपा ने यदि आदिवासी वर्ग को तवज्जो दी तो फग्गन सिंह कुलस्ते भी अध्यक्ष की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं। मोदी कैबिनेट में उन्हें स्थान नहीं मिल सका था। हो सकता है कि पार्टी उन्हें अध्यक्ष का ताज सौंप कर उपकृत कर दे।
निगम अध्यक्ष बन सकती है प्रदेश प्रतिनिधि
प्रदेश प्रतिनिधि के चयन को लेकर भी स्थानीय कार्यकर्ताओं में चर्चा शुरू हो चुकी है। इस चर्चा में दक्षिण से नगर निगम की सभापति कलावती यादव का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। लेकिन किसी वरिष्ठ पदाधिकारी ने पुष्टि नहीं की है। उत्तर क्षेत्र से भी प्रदेश प्रतिनिधि के चयन को लेकर चर्चाओं का दौर चल रहा है। माना जा रहा है कि विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा की पसंद को ही तवज्जो दी जाएगी। यदि इस बात में दम है तो उनके खेमे से जगदीश पांचाल को अवसर मिल सकता है। अब देखना है कि जो नाम राजनीति के गलियारों से निकले हैं उन पर संगठन की क्या राय बनती है।