Wednesday, November 29, 2023
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नम्रता डामोर केस फिर से चर्चा में

उज्जैन के पास नौ वर्ष पहले पटरी पर मिला था शव….

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन/इंदौर नौ वर्ष पहले उज्जैन के पास पटरी पर मेडिकल कॉलेज इंदौर की छात्रा का शव मिला था। मामला हाईप्रोफाइल होने से जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। यह मामला मृतका के पिता द्वारा उठाए गए सवाल से फिर चर्चा में आ गया है। उनका कहना है कि मेरी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती है।

करीब नौ वर्ष पुराने इंदौर के नम्रता डामोर मामले में मृतका के पिता ने एक बार फिर सीबीआइ द्वारा प्रस्तुत खात्मा रिपोर्ट को नकार दिया है। इंदौर जिला कोर्ट में दिए बयान में उन्होंने कहा कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती। उसकी हत्या हुई है। मामले में अब अगस्त के पहले सप्ताह में बहस होगी। इसके बाद स्पष्ट होगा कि कोर्ट सीबीआइ की ओर से प्रस्तुत खात्मा रिपोर्ट स्वीकारती है या नहीं।

हॉस्टल से गायब हो गई थी…
एमजीएम मेडिकल कालेज की छात्रा नम्रता डामोर का शव 7 जनवरी 2012 को उज्जैन से कुछ आगे रेलवे पटरी पर पड़ा मिला था। नम्रता मेडिकल कालेज में प्रथम वर्ष की छात्रा थी। वह मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में ही रहती थी। घटना के कुछ दिन पहले से वह गायब हो गई थी। हॉस्टल प्रबंधन ने संयोगितागंज पुलिस थाने पर उसकी गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी।

सीबीआई को सौंपी थी जांच
जुलाई 2015 में एक पत्रकार की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अन्य मामलों के साथ इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने जांच के बाद नम्रता मौत मामले में खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी, लेकिन नम्रता के पिता मेहताब सिंह ने इस पर आपत्ति ली। बाद में कोर्ट ने सीबीआई को दोबारा जांच करने के आदेश दिए थे।

अगली सुनवाई पर अंतिम बहस: हाल ही में सीबीआइ ने इस मामले में दोबारा खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत की है। मेहताब सिंह ने कोर्ट में इस रिपोर्ट को नकार दिया है। उनका कहना है कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती। मामले की अगली सुनवाई पर इसी मुद्दे पर अंतिम बहस होगी।

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