नहीं लिया नर्मदा का जल, माघी पूर्णिमा पर गंदे पानी में श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी

त्रिवेणी से बड़े पुल तक शिप्रा पर बने सभी स्टॉपडेम के गेट खुले, बहा रहे दूषित पानी

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अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। माघी पूर्णिमा बुधवार को है। इस दिन स्नान का विशेष महत्व होने के कारण श्रद्धालु शिप्रा में आस्था की डुबकी लगाएंगे लेकिन इस बार पर्व स्नान के लिए नर्मदा का पानी नहीं लिया गया है। लिहाजा गंदे पानी में ही श्रद्धालुओं को डुबकी लगानी होगी।


दरअसल, पीएचई द्वारा बारिश सीजन बीतने के बाद शिप्रा नदी पर त्रिवेणी से लेकर अंगारेश्वर तक बने स्टॉपडेम के गेट बंद कर स्वच्छ पानी को नदी में स्टोर किया जाता था लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं हो रहा है। नदी में लगातार कान्ह का दूषित पानी मिल रहा है। इस कारण स्टॉपडेम के गेट खुले रखे गए हैं और श्रद्धालु इसी दूषित पानी में डुबकियां लगा रहे हैं।

कान्ह के दूषित पानी को शिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा त्रिवेणी पर मिट्टी का अस्थायी स्टॉपडेम बनाया गया था। उक्त स्टॉपडेम पानी का दबाव नहीं झेल पाया। शिप्रा नदी में दूषित पानी लगातार मिलना जारी है। मकर संक्रांति, अमावस्या पर्वों पर श्रद्धालुओं ने इसी दूषित पानी में न सिर्फ स्नान किया बल्कि आचमन और भगवान को जल अर्पण भी किया। खास बात यह कि शहर में प्रतिदिन देशभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन दर्शन करने आते हैं। यही श्रद्धालु शिप्रा नदी में स्नान करते हैं। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती कि नदी में स्टोर पानी दूषित है।

इसलिए खोले गए स्टॉपडेम के गेट

पीएचई अफसरों ने पूर्व में पर्व स्नान के लिए पाइप लाइन के माध्यम से नर्मदा का पानी त्रिवेणी तक लाकर शिप्रा नदी में मिलाया जाता था। वर्तमान स्थिति यह है कि कान्ह का दूषित पानी शिप्रा नदी में लगातार मिल रहा है। इसे रोकने के अफसरों के पास कोई उपाय नहीं हैं। यही कारण है कि पीएचई द्वारा अब पर्व स्नान के लिए नर्मदा का पानी लेना बंद कर दिया है। खास बात यह कि कान्ह के दूषित पानी को शिप्रा नदी के माध्यम से स्टॉपडेम के गेट खोलकर बहाया जा रहा है।

जलसंकट में आएगी परेशानी

गऊघाट जलयंत्रालय बनाने के दौरान नगर निगम और पीएचई अफसरों ने दावा किया था कि भविष्य में शहर में जलसंकट की स्थिति बनने पर नर्मदा का पानी पाइप लाइन से गऊघाट तक लाकर जलयंत्रालय में फिल्टर करने के बाद जलप्रदाय किया जाएगा, लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि शिप्रा नदी में कान्ह का दूषित पानी स्टोर है। यह पानी फिल्टर करने के बाद भी पीने योग्य नहीं है। इस कारण आगामी गर्मी में जलसंकट के दौरान शहरवासियों को पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ेगा।

इनका कहना

त्रिवेणी से कान्ह का दूषित पानी शिप्रा में मिल रहा है जिसे स्टॉपडेम के गेट खोलकर आगे बहाया जा रहा है। पर्व स्नान के लिए नर्मदा का पानी लाने का निर्णय एडीएम द्वारा लिया जाता है।-एन.के. भास्कर, कार्यपालन यंत्री, पीएचई

नया पानी लाने की जरूरत नहीं है। पानी की क्वालिटी ठीक है। माघी पूर्णिमा पर इसी में श्रद्धालु स्नान करेंगे।-नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर

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