नजरअली मिल की जमीन बेचकर मालामाल होगा निगम

By AV NEWS 2

68 करोड़ रुपए का लगेगा टेंडर, महापौर परिषद ने बेचने के प्रस्ताव को दी हरी झंडी

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:आर्थिक तंगहाली से जूझ रहा नगर निगम अब नजरअली मिल की जमीन बेचकर मालामाल होगा। निगम प्रशासन को 70 करोड़ रुपए से अधिक की आय की संभावना है। सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद इसका टेंडर लगाया जाएगा। नगर निगम मुख्यालय के पीछे निजातपुरा रोड स्थित मनकामनेश्वर मंदिर से लगी करीब 12 हजार वर्गफीट जमीन निगम के स्वामित्व की है। इसे दो प्लॉट में बेचने की तैयारी है।

महापौर परिषद (एमआईसी) ने इसे बेचने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। अब यह प्रस्ताव निगम परिषद में रखा जाएगा। निगम से पास होने के बाद इसे सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद यह जमीन बेची जाएगी। निगम अधिकारियों अनुसार मनकामनेश्वर मंदिर से लगी जमीन को दो हिस्सों में बेचा जाएगा। एक टुकड़ा 3500 वर्गफीट का है और दूसरा 8500 वर्गफीट का है। इस तरह कुल जमीन 12 हजार वर्गफीट है। टेंडर 68 करोड़ में लगाने की तैयारी की जा चुकी है। टेंडर में ज्यादा रेट भरे जाने पर यह 70 करोड़ रूपयों से ज्यादा में भी खरीदा जा सकता है।

बेशकीमती जमीन, अचानक बेचने की तैयारी से सरगर्मी

नगर निगम की यह जमीन शहर के बीच होने से बेशकीमती हो गई है। नगर निगम ने अचानक यह निर्णय कर जमीन को लेकर सरगर्मी बढ़ा दी है। कई लोग इसे खरीदने की तैयारी में जुट गए हैं। होटल आदि के लिए भी यह जमीन उपयोगी मानी जा रही है। माना जा रहा है कि इसे खरीदने की स्पर्धा बढ़ी तो जमीन के ऊंचे दाम भी लग सकते हैं।

श्रम शिविर की जमीन से अतिक्रमण हटाने में सुस्ती

कोयलाफाटक के पास श्रम शिविर से लगी जमीन भी निगम के स्वामित्व की है। इसकी कीमत भी वर्तमान में काफी हो गई है। निगम ने इसे अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए कार्रवाई की शुरुआत तो की, लेकिन नोटिस जारी करने के बाद यह ठंडी पड़ गई। जानकारों का कहना है कि इस जमीन को भी निगम अतिक्रमण से मुक्त कराकर बेचने में रुचि ले तो निगम को मोटी रकम मिल सकती है।

नजरअली मिल की जमीन बेचने के लिए एमआईसी ने अपनी मंजूरी दे दी है। यह अभी उपयोग में नहीं आ रही। इसे बेचने से निगम को अच्छी आय हो सकेगी।-मुकेश टटवाल, महापौर

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