ट्रांसफार्मर जलने के बाद भी नहीं ली सुध, लोग परेशान
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। एक तरफ जहां केन्द्र और राज्य सरकार हर घर में 24 घंटे बिजली देने की बात करती है, दूसरी ओर उज्जैन जिले का एक गांव पिछले 10 दिनों से अंधेरे में डूबा हुआ है। दरअसल, ट्रांसफार्मर जलने के कारण माकड़ौन तहसील के गांव गुराडिया गुर्जर की लाइट बंद हो कई थी। जो 10 दिन बाद भी बहाल नहीं हो पाई है। खास बात यह है मामले में गांव वाले बिजली कंपनी के दरवाजे तो खटखटा रहे हैं लेकिन कोई भी अधिकारी सुध नहीं ले रहा है।
उज्जैन जिले के अंतर्गत माकड़ौन तहसील के ग्राम गुराडिया गुर्जर के ग्रामीण पिछले 10 दिनों से विद्युत व्यवस्था ठप्प होने से परेशान हैं। बताया जा रहा है कि गांव में लगे पांच ट्रांसफार्मरों में से एक ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण गांव के एक हिस्से की लाइट पूरी तरह से बंद हो गई थी।
जिसके बाद ग्रामीणों ने राशि एकत्रित कर तीस हजार रुपए तराना विद्युत कंपनी के कार्यालय में जमा भी करवा दिए। पर आज तक उनके यहां बिजली की समस्या हल नहीं हो सकी है। ग्रामीण गांव में लाइट की समस्या को समाप्त कराने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
गांव के निवासी करण सिंह और शिकायतकर्ता नीलेश गुर्जर ने बताया कि मैं गांव के साथियों के साथ ट्रांसफार्मर लेने तराना बिजली कार्यालय गया था। जिस पर हमको 25 के वी का ट्रांसफार्मर दिया जा रहा था जबकि हमको 65 के वी का ट्रांसफार्मर की जरूरत होने पर तराना के अधिकारी से संपर्क करना चाहा पर उनके द्वारा हमको कार्यालय के बाहर निकलवा दिया गया।
इनका कहना है:
गांव में लगे पांच ट्रांसफार्मरों में से एक ट्रांसफार्मर करीब १० दिन पहले जल गया था। लेकिन तकनीकी और व्यवहारिक कारणों के चलते नया ट्रांसफार्मर अब तक नहीं लगाया जा सका है।
जयंत ठाकुर, कार्यपालन यंत्री बिजली कंपनी
लोगों का दावा जमा है 50 प्रतिशत लोगों के बिल
गांव में रहने वाले करण सिंह ने बताया कि बिजली गुल रहने की वजह से लोगों को पास के दूसरे गांव में जाकर मोबाइल चार्ज करने पड़ रहे हैं। यूं तो ग्रामीण गांव में करीब 80 प्रतिशत से ज्यादा कनेक्शन होने का दावा करते हैं और उनमें से 50 प्रतिशत लोगों बिल जमा करने का भी दावा करते हैं, लेकिन विद्युत विभाग ने फिर भी गांव के करीब 30 परिवार की बिजली समस्या हल नहीं की है। जो ट्रांसफार्मर जलने के कारण बाधित हो गई थी। इससे बिल जमा करने वाले भी परेशान हैं।