लापरवाही…शिप्रा के घाटों पर फिर पांच लोग घायल

निगम अधिकारी बोले पीएचई ने पानी छोड़ा हम क्या करें, पीएचई अधिकारी ने कहा…काई साफ करवाना निगम का काम
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:नगर निगम और पीएचई अफसरों द्वारा अपनी-अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालने का परिणाम यह है कि शिप्रा नदी घाटों की सीढिय़ों से फिसलकर लोग घायल हो रहे हैं जबकि दोनों विभागों के अफसर श्रद्धालुओं की समस्या को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं उन्हें लोगों के घायल होकर अस्पताल पहुंचने से कोई सरोकार नजर नहीं आता।

यह है मामला : शिप्रा नदी में कान्ह का दूषित पानी स्टोर होने की बात कहकर पीएचई द्वारा आगामी पर्व और त्यौहार की बात कहते हुए दो दिनों पूर्व से शिप्रा नदी के बड़े पुल के पास स्थित स्टापडेम व भूखी माता स्टापडेम के गेट खोलकर पानी आगे बहाना शुरू किया। परिणाम यह हुआ कि नृसिंहघाट से लेकर बड़े पुल तक नदी के पानी का लेवल करीब 3 फीट कम हुआ और घाट की सीढिय़ों पर जमीं काई ऊपर आ गई।
नदी में प्रतिदिन हजारों की संख्या में स्नान के लिये आने वाले श्रद्धालु काई से फिसलकर गिरने के बाद घायल हो रहे हैं। रविवार को घाट पर 25 से अधिक लोग घायल हुए और 5 को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। सोमवार सुबह तक अंशुल पिता राधेश्याम 18 वर्ष निवासी रतलाम, दयाशंकर व एक युवती सहित 6 लोग घाट पर गिरकर घायल हुए और अस्पताल पहुंचे।
पीएचई अफसरों ने अचानक पानी छोड़ा
नदी में दूषित पानी स्टोर होने की बात कहकर पीएचई द्वारा तेजी से नादी का पानी आगे बहाया जा रहा है इस वजह से घाटों की सीढिय़ों पर काई के कारण लोग फिसलकर घायल हो रहे हैं। काई की सफाई के लिये पीएचई अफसर जिम्मेदार हैं। नगर निगम द्वारा अपने स्तर पर घाटों की सफाई का काम जारी है।-संजेश गुप्ता, उपायुक्त स्वास्थ्य विभाग
नर्मदा का साफ पानी स्टोर करेंगे
आने वाले दिनों में गंगा दशमी का पर्व है। नदी में दूषित पानी स्टोर होने के कारण इसे आगे बहाकर नर्मदा का साफ पानी स्टोर करेंगे। घाट की सीढिय़ों पर काई साफ कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। उन्हीं के सफाईकर्मी यह कार्य करते हैं। एक-दो दिनों में नदी में नर्मदा का साफ पानी स्टोर कर दिया जायेगा।-एन.के. भास्कर, कार्यपालन यंत्री पीएचई








