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न डॉक्टर न नर्स, गार्ड कर रहे थे नशामुक्ति केंद्र में इलाज

गैर इरादतन हत्या के मामले में नशा मुक्ति केंद्र संचालक सहित 6 को बनाया आरोपी

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। मंगलनाथ मंदिर मार्ग पर संचालित हो रहे नव मानस नशा मुक्ति केंद्र पर भर्ती शंकरपुर के एक युवक की मौत से जुड़े मामले में पुलिस को कई अहम तथ्य मिले हैं। इस नशा मुक्ति केंद्र पर न तो किसी डॉक्टर की तैनाती थी न ही मेडिकल सेवा से जुड़े किसी अन्य कर्मचारी की। डॉक्टर आकर पर्ची पर दवा लिख जाता और नशा मुक्ति केंद्र के गार्ड ही मरीजों को दवा दे देते।

 

गत सप्ताह नवमानस नशा मुक्ति केंद्र पर भर्ती शंकरपुर निवासी 41 वर्षीय हरीश निर्मल की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी, उसे आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। हरीश के परिजन जब यहां पहुंचे तो उन्हें बताया कि हरीश की मौत हो चुकी है। परिजनों ने हरीश के शरीर पर कई सारे मारपीट के निशान देखे तो पुलिस को मामले की सूचना दी। हरीश के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि लीवर फटने की वजह से उसकी मौत हुई थी।

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इस मामले में जीवाजीगंज पुलिस ने नवमानस नशा मुक्ति केंद्र के संचालक उमेश वैष्णव, गार्ड कमलेश राव, चंद्रशेखर उर्फ सोनू फड़के सहित कपिल वर्मा, शुभम चौहान और महेंद्र चौधरी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। इनमें से चार कमलेश, चंद्रशेखर, कपिल और शुभम को गिरफ्त में भी ले लिया गया है। संचालक उमेश वैष्णव निवासी नीलगंगा और महेंद्र चौधरी दोनों फिलहाल फरार है।

गार्ड और मरीजों ने ही ले ली मरीज की जान

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हरीश निर्मल की मौत से जुड़े मामले में पुलिस को जानकारी मिली है कि वह शराब की लत का आदी हो चुका था। परिजनों ने उसे नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया। यहां विजिट डाक्टर ने उसका चैकअप कर कुछ दवाएं लिखी थीं। घटना वाली रात केंद्र के गार्ड कमलेश और चंद्रशेखर ने हरीश को दवा पिलाने की कोशिश की।

वह हाथापाई कर रहा था, जबर्दस्ती उसे दवाई पिलाने के लिए दोनों गार्ड ने केंद्र में भर्ती दूसरे मरीज कपिल, शुभम और महेंद्र की मदद ली। तीनों ने हरीश को दबोच लिया, एक तो चढ़कर उसके पेट पर ही बैठ गया। एक गार्ड ने डंडे से हरीश की पिटाई की और उसे जबरजस्ती दवाई पिलाई। इसी मारपीट में उसके शरीर के अंदरूनी अंग क्षतिग्रस्त हो गए थे, इन्हीं से उसकी मौत हुई है।

नशामुक्ति केंद्र पर न केवल युवक की गैर इरादतन हत्या हुई है बल्कि यहां के संचालन में भी कई सारी लापरवाहियां मिली हैं। संबंधित विभाग को भी इसकी जानकारी साझा करेंगे।
– विवेक कनोडिय़ा, थाना प्रभारी, जीवाजीगंज

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