सीढिय़ों के नीचे टॉयलेट कभी नहीं बनवाएं वरना गरीबी कभी नहीं छोड़ेगी पीछा

वास्तुशास्त्र में घर के हर स्थान का विशेष महत्व बताया गया है। इन स्थानों के लिए कुछ ऐसे महत्वपूर्ण नियम होते हैं, जिनका ख्याल रखना जरूरी माना जाता है। इससे घर में सदैव सकारात्मकता और खुशहाली का माहौल बना रहता है, लेकिन अगर हम घर का निर्माण करते समय वास्तु के नियमों का ख्याल न रखें, तो इससे वास्तु दोष लग सकता है और परिवार के सदस्यों को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपने कई लोगों को देखा होगा की वे घर बनवाते समय टॉयलेट को अक्सर सीढिय़ों के नीचे बनवा देते हैं। लेकिन क्या ऐसा करना सही है?

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वास्तु शास्त्र में सीढिय़ों के नीचे के स्थान को लेकर भी बहुत महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं। अगर इनका ख्याल न रखा जाए, तो इससे व्यक्ति को गरीबी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आइए विस्तार से जानें घर में सीढिय़ों के

नीचे के स्थान और टॉयलेट के निर्माण के लिए जरूरी वास्तु नियम…
सीढिय़ों के नीचे टॉयलेट बनवाना कितना सही?- अगर आप घर का निर्माण करवाते समय सीढिय़ों के नीचे खाली स्थान पर टॉयलेट या बाथरूम बनवाने के बारे में सोच रहे हैं, तो ऐसी गलती बिल्कुल न करें। वास्तु के अनुसार, कभी भी सीढिय़ों के नीचे टॉयलेट का निर्माण नहीं करवाना चाहिए। ऐसा करने से अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है। शास्त्रों में बताया गया है कि टॉयलेट से सबसे ज्यादा नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में अगर इसे सीढिय़ों के नीचे स्थान दिया जाए, तो यह नकारात्मकता पूरे घर में फैलने लगती है। ऐसे में जातक को गरीबी का सामना करना पड़ सकता है और इससे परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि वास्तुशास्त्र में सीढिय़ों के नीचे टॉयलेट बनवाने की मनाही होती है।

सीढिय़ों के नीचे का स्थान रखें खाली
वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में सीढिय़ों के नीचे के स्थान को खाली रखने की सलाह दी जाती है। यहां कभी भी जल से संबंधित चीजों को जगह नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से परिवार के सदस्यों को जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। माना जाता है कि सीढिय़ों के नीचे टॉयलेट बनवाने से घर की आर्थिक स्थिति पर इसका बुरा प्रभाव पडऩे लगता है। ऐसे में कितनी भी कमाई होने के बावजूद हाथ में पैसा नहीं टिकता है और धन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु के मुताबिक, सीढिय़ों के नीचे का स्थान अस्थिर होता है। ऐसे में यहां भूलकर भी टॉयलेट या बाथरूम नहीं बनवाना चाहिए। इस स्थान को खाली रखना ही सबसे अच्छा माना गया है।

टॉयलेट की सही दिशा
माना जाता है कि घर में उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर टॉयलेट का निर्माण करवाना सबसे सही होता है। वास्तु के अनुसार उत्तर-पश्चिम में टॉयलेट बनवाने से घर में सौभाग्य और बरकत आने लगती है। लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि भूलकर भी टॉयलेट को घर के ईशान कोण में नहीं बनवाना चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है। इससे व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता दस्तक दे सकती है। ऐसे में टॉयलेट का निर्माण करते वक्त वास्तु के नियम और सही दिशा का ख्याल अवश्य रखें।

सीढिय़ों की सही दिशा
घर में सीढिय़ों का निर्माण करवाते समय इसे नैऋत्य यानी दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम दिशा में स्थान देना चाहिए। वास्तु के अनुसार, सीढिय़ों को इस दिशा में बनवाना सबसे सही होता है। ऐसा करने से घर में हमेशा खुशहाली और सुख-शांति का माहौल बना रहता है। इसके अलावा, उत्तर-पश्चिम दिशा में भी सीढिय़ों का निर्माण करवाया जा सकता है। लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि कभी भी सीढिय़ों की दिशा उत्तर या ईशान कोण में नहीं होनी चाहिए। मान्यता है कि इस दिशा में सीढिय़ां होने से परिवार के सदस्यों की तरक्की में बाधाएं उत्पन्न होने लगती हैं।

सीढिय़ों के नीचे ये चीजें रखने से बढ़ती है परेशानी
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सीढिय़ों के नीचे टॉयलेट के अलावा, बाथरूम, किचन, नल की व्यवस्था और फिश-एक्वेरियम भी नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है और आसपास नकारात्मक ऊर्जा बढऩे लगती है। माना जाता है कि इन चीजों को सीढिय़ों के नीचे रखने से लंबे समय से जोड़े हुए धन की भी हानि होने लगती है और कंगाली का सामना करना पड़ सकता है। सीढिय़ां बनवाते समय इनकी संख्या का भी विशेष ध्यान रखना जरूरी माना जाता है। वास्तु के अनुसार, सीढिय़ों को विषम संख्या जैसे- 7, 11, 15 या 19 में बनवाना शुभ माना गया है। इससे घर का माहौल सकारात्मक बना रहता है।

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