भूखे को रोटी और निर्वस्त्र को कपड़ा दान करने में कभी विचार न करें

बडऩगर रोड पर चल रही भागवत कथा में स्वामी प्रेमानंद ने कहा
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन देने की आदत डालो, देने की आदत बना लो। परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त करने में देर नहीं लगेगी। उस पर भी तीन दान करने में कभी विचार नहीं करना चाहिये। कोई भूखा हो तो रोटी दान कर दो, शरीर पर कपड़ा न हो कपड़ा दान कर दो, रोगी दिख जाए और क्षमता हो तो औषधी दान कर दो।
यह बात बडऩगर रोड़ स्थित मोहनपुरा में श्री बाबाधाम मंदिर (अर्जी वाले हनुमान -81 फीट) में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज ने कही। कथा के मुख्य यजमान रमेशचंद्र पाटीदार, अशोक पाटीदार, दिनेश पाटीदार, पवन पाटीदार बाडक़ुम्मेद वाले ने व्यासपीठ का पूजन किया।
तीसरे दिन कथा में महाराजश्री ने देवदुती कपिल संवाद के साथ कपिल गीता, तुलसी वृंदावन/परशुराम, ध्यान की विधि, जीव की यात्रा, जीव का जन्म, मनुजी के वंश की व्याख्या, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र, प्रियव्रत की कथा, भरत चरित्र की कथा, अजामित्र की कथा, प्रहलाद चरित्र की कथा सुनाई। कथा में नृसिंह अवतार की झांकी के दर्शन हुए। 24 जुलाई को चौथे दिन कृष्ण जन्मोत्सव, पांचवें दिन गोवर्धन पूजा, छठे दिन रूक्मणी विवाह, सातवें दिन फूलों की होली होगी।