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दत्तअखाड़ा क्षेत्र में बनेगा तीन मंजिला नया सिंहस्थ कार्यालय

39 करोड़ की लागत वाला भवन 18 महीने में तैयार करने का लक्ष्य

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अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। साधु-संतों और आम आदमी तक लोगों की पहुंच को आसान बनाने के लिए दत्तअखाड़ा क्षेत्र में तीन मंजिला नया सिंहस्थ कार्यालय बनेगा। प्रयागराज की तरह बनने वाला यह दफ्तर हाईटेक होगा और यहीं से इंटीग्रेटेड कमान एंड कंट्रोल सेंटर का संचालन किया जाएगा। 39 करोड़ रुपए की लागत वाले तीन मंजिला भवन को 18 महीने में बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उज्जैन विकास प्राधिकरण ने निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है।

सिंहस्थ 2004 में उज्जैन में पहला मेला कार्यालय अभी के बृहस्पति भवन में स्थापित किया गया था। तीन कमरों और एक बड़े हॉल वाले इस कार्यालय में सिंहस्थ प्राधिकरण अध्यक्ष बैठते थे। हालांकि, कर्मचारी यहां भी उधार के रहते थे। सिंहस्थ 2016 में कोठी क्षेत्र में ही सर्वसुविधायुक्त दो मंंजिला कार्यालय बनाया गया। करीब दस हजार वर्गफीट पर बने इसे कार्यालय में मेला कार्यालय कभी भी ठीक से संचालित नहीं हो सका। यह पूरे समय स्मार्टसिटी का दफ्तर बनकर रह गया। यदा-कदा ही सिंहस्थ संबंधी मीटिंग यहां हुई।

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सिंहस्थ 2028 को देखते हुए दत्त अखाड़ा क्षेत्र में नया सिंहस्थ मेला कार्यालय बनाया जा रहा है। तीन मंजिला कार्यालय भवन में प्रशासनिक कार्यालय, इंटीग्रेटेड कमान एंड कंट्रोल सेंटर रहेगा। दरअसल नये मेला कार्यालय की योजना प्रयागराज कुंभ के मुआयने के बाद बनाई गई। गंगा के कछार में लगने वाले प्रयागराज कुंभ को कंट्रोल करने के लिए वहां मेला क्षेत्र में ही कुंभ कार्यालय स्थापित है। इस वजह स कंट्रोलिंग आसान हो जाती है। वहां की बेस्ट प्रैक्टिस की कड़ी में उज्जैन में भी दत्त अखाड़ा जोन में नया मेला कार्यालय बनाया जा रहा है।

दत्तअखाड़ा क्षेत्र का चयन क्यों

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उज्जैन में सिंहस्थ का बड़ा क्षेत्र दत्त अखाड़ा, मुरलीपुरा, मोहनपुरा, सदावल में रहता है।

दस प्रमुख अखाड़ों जूना, अग्रि, आव्हान, महानिर्वाणी, अटल, निरंजनी, आनंद, बड़ा उदासीन, छोटा उदासीन, निर्मल और किन्नर के साधुओं के डेरे दत्तअखाड़ा क्षेत्र में ही रहते हैं।

रामघाट पर ही अखाड़ों का शाही स्नान होता है, श्रद्धालु भी इसी घाट पर नहाते हैं। यहां से दत्तअखाड़ा एकदम सामने हैं।

नए सिंहस्थ कार्यालय की जरूरत क्यों

अभी सिंहस्थ की कई प्रक्रियाओं के लिए साधु-संतों को कोठी क्षेत्र स्थित मेला कार्यालय आना पड़ता है। खासकर भूमि आवंटन, साफ-सफाई, जमीन का समतलीकरण, बिजली, पानी। दत्त अखाड़ा जोन में मेला कार्यालय होने से साधु-संतों को कोठी क्षेत्र तक नहीं आना होगा।

२०१६ तक मेले की व्यवस्था को कंट्रोल करने के लिए राणोजी सिंधिया की छत्री पर इंटीग्रेटेड कमान एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जाता रहा। अब यह जगह छोटी पडऩे लगी है। इस इलाके में ट्रैफिक भी खूब हो गया है। ऐसे में अफसरों-कर्मचारियों के वाहन आने-जाने में भी परेशानी होगी।

कोशिश है कि एक साल में भवन तैयार हो जाए…

दत्त अखाड़ा क्षेत्र में तीन मंजिला नया मेला कार्यालय भवन बनाया जाएगा। इसके टेंडर बुलाए हैं। कोशिश है कि एक साल में भवन निर्माण पूरा हो जाए। नए भवन में मेले का प्रशासनिक कार्यालय और इंटीग्रेटेड कमान एंड कंट्रोल सेंटर होगा। राणोजी छत्री की जगह का उपयोग अन्य काम में किया जाएगा। रौशनकुमार सिंह , कलेक्टर

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