जिस इंजीनियर को सस्पेंड किया था, उनको फिर नई जिम्मेदारी
अक्षरविश्व प्रतिनिधि .उज्जैन। सिंहस्थ में पानी की टंकी खरीदी को लेकर हुए घोटाले में जांच पड़ताल की लंबी कवायद के बाद एक नया मोड़ आ गया है। जिस उपयंत्री मुकेश गर्ग पर घोटाले का आरोप लगा था और सस्पेंड भी कर दिया गया था, उनको अब नई जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इससे यह घोटाला फिर चर्चा में है।
सिंहस्थ 2016 में पीने का पानी शिविरों में देने के लिए करीब एक करोड़ की प्लास्टिक की टंकियां खरीदी गई थीं। बाद में जब टंकियां वापस जमा कराई गई तो कई टंकियां गायब मिली थीं। घोटाले से पर्दा उठा तो जांच की गई और तत्कालीन प्रभारी अधिकारी उपयंत्री मुकेश गर्ग को सस्पेंड कर दिया गया था।
हालांकि बाद में बहाल भी कर दिया गया। शुक्रवार को गर्ग को उपखंड 3 में उपयंत्री (एई) बना दिया गया है। इससे हलचल मच गई है। अधिकारियों ने इस नियुक्ति की पुष्टि की है। कई कर्मचारियों में इससे निराशा का माहौल भी बन गया है।
इनकी पेंशन बंद क्यों?
गर्ग की नई जिम्मेदारी से यह सवाल खड़ा हो रहा है कि घोटाले में फंसे दो कर्मचारी हरने और श्रीवास्तव की पेंशन रोक दी गई है, जबकि गर्ग को बहाल कर जोन 3 की जिम्मेदारी दी गई है।
घोटाला एक नजर में –
- 2 हजार लीटर की 627 टंकियां खरीदी गई थीं।
- 427 टंकियां ही स्टोर में जमा कराई गई थी।
- 200 टंकियां वापस नहीं आई थीं।
- 2017 में गर्ग को सस्पेंड किया गया था।
मजबूरी है क्या…?
मामले में कार्यपालन यंत्री एनके भास्कर ने कहा आदेश जारी किया है, क्योंकि तकनीकी अमला कम है। उन्होंने इस मजबूरी में यह आदेश जारी किया है।
गायब टंकियां आज तक नहीं मिलीं
सिंहस्थ में दो हजार लीटर की 635 टंकियां और स्टैंड की खरीदी की गई थीं। इसमें से केवल 427 टंकियां और 217 स्टैंड ही जमा हो सके थे। मामले में तत्कालीन नगर निगम में अपर आयुक्त रविंद्र जैन ने जांच की थी। इसमें गर्ग को सस्पेंड कर दिया गया था।