एनडीडीबी के अधिग्रहण से आशंकित उज्जैन दुग्ध संघ के कर्मचारियों को सीएम ने फायदे बताए
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के अधिग्रहण से नौकरी जाने की आशंका का सामना कर रहे उज्जैन दुग्ध संघ के कर्मचारियों को समझाने रविवार को खुद सीएम डॉ. मोहन यादव पहुंच गए। उन्होंने कर्मचारियों को उनकी नौकरी नहीं जाने और किसानों को बोनस देने की गारंटी दी। सीएम ने कहा कि प्रदेश के दुग्ध संघों का संचालन एनडीडीबी को सौंपने के पीछे सरकार का मंशा प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ाने की है, ताकि किसानों की आय बढ़ाई जा सके।
दरअसल प्रदेश के पांच दुग्ध संघों का संचालन सरकार नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड को सौंपने जा रही है। केंद्रीय उपक्रम के आने भर की हलचल से दुग्ध संघों के कर्मचारी-अधिकारी डरे हुए हैं। खासकर आउटसोर्स कर्मचारी। उज्जैन दुग्ध संघ में 101स्थायी और ३४५ आउटसोर्स कर्मचारी काम करते हैं।
यह सब नौकरी जाने की आशंका से डरे हुए हैं। इनका भय दूर करने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव ने पिता पूनमचंद यादव के उत्तरकार्य के बीच समय निकाला। उनके साथ उज्जैन उत्तर के विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, भाजपा नगरअध्यक्ष विवेक जोशी, नगर महामंत्री संजय अग्रवाल और जगदीश पांचाल भी थे। मंच पर आते ही सीएम ने सीधे मुद्दों पर बात शुरू की। उन्होंने कहा कि एनडीडीबी से प्रदेश सरकार ने करार दो शर्तों पर किया है।
1- किसी भी कर्मचारी-अधिकारी की नौकरी नहीं जाएगी।
2- एनडीडीबी दुग्ध संघ संयंत्रों की क्षमता बढ़ाएगा।
अभी क्या दिक्कत है
सहकारी क्षेत्र में कार्यरत दुग्ध संघों की पहुंच सीमित किसानों तक है। इस वजह से दूध का कलेक्शन कम होता है। राष्ट्रीय स्तर पर दुग्ध उत्पादन में तीसरा नंबर रखने वाला मध्यप्रदेश उत्पादन के मामले में पड़ोसी राज्य राजस्थान से भी पीछे है। सरकार की मंशा प्रदेश के 50 हजार गांवों तक नेटवर्क स्थापित करने की है।
एनडीडीबी क्या करेगा
एनडीडीबी दुग्घ संयंत्रों का आधुनिकीकरण करेगा। वह अपनी पहुंच बढ़ाएगा। उज्जैन दुग्ध संघ हर दिन 1.70 लाख लीटर दूध का उत्पादन करता है। यह क्षमता 10 लाख लीटर प्रतिदिन तक हो जाएगी। अभी उज्जैन दुग्ध संघ को साल में 368 करोड़ के टर्नओवर पर केवल 1.60 करोड़ का मुनाफा होता है। इस लाभ को 100 करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य है। ज्यादा मुनाफा होने पर संघ अपने कर्मचारियों को बेहतरीन वेतन और किसानों को बोनस दे सकेगा।