जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री को थमाया नोटिस, मांगा जवाब

जल गंगा संवर्धन अभियान में लापरवाही, कार्यों की जानकारी विभाग को नहीं, अधिकारियों की रही अरुचि
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शैलेष व्यास| उज्जैन। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल में अभियान जल गंगा संवर्धन में जल संसाधन विभाग के इंजीनियर्स ने कोई रुचि नहीं ली। हद तो यह हो गई कि अधिकारियों ने विभाग को अभियान की जानकारी देना भी मुनासिब नहीं समझा। अब उन्हें यह लापरवाही बेहद भारी पडऩे वाली है। लापरवाही पर इंजीनियर्स को नोटिस जारी किए जा रहे हंै। इनमें जल संसाधन विभाग उज्जैन के कार्यपालन यंत्री मयंक सिंह का नाम भी शामिल है।

बीते माह दस दिनी जल गंगा संवर्धन अभियान में जल संसाधन विभाग के दो दर्जन इंजीनियर्स की लापरवाही उजागर हुई है। अभियान प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल था। इंजीनियर्स की लापरवाही का खुलासा भी तब हुआ है, जब पूरे अभियान की विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ.राजेश राजौरा ने समीक्षा की। दरअसल प्रदेश भर में 5 से 15 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया गया था। इसके तहत आसपस की नदियों, तालाबों और तमाम जल संरचनाओं का संरक्षण के लिए काम किए जाने थे।
इसके तहत जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को भी साथ जोडऩा था और पौधारोपण कार्यक्रम चलाया जाना था। जल संसाधन विभाग ने इसके लिए समस्त मध्यम एवं लघु सिंचाई परियोजना में जल संग्रहण तथा संवर्धन रखरखाव एवं मरम्मत कार्य कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन करीब दो दर्जन कार्यपालन यंत्रियों ने मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले इस कार्यक्रम को महत्व ही नहीं दिया। इसमें भी हद तो यह हो गई की उज्जैन में पदस्थ कार्यपालन यंत्री भी इस अभियान को लेकर लापरवाह बने रहे। इंजीनियरों ने परियोजनाओं कराए जाने वाले वाले कार्यों की जानकारी भी 30 जून तक विभाग को नहीं दी। इसके अलावा जिला स्तर पर भी अन्य विभागों से समन्वय नहीं बनाने का मामला भी सामने आया था।
एसीएस ने नाराजगी व्यक्त
जल गंगा संवर्धन अभियान को लेकर एसीएस राजेश राजौरा द्वारा की गई समीक्षा में दो दर्जन से अधिक कार्यपालन यंत्रियों द्वारा इस अभियान में सहयोग नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई गई। एसीएस की नाराजगी के बाद इन अफसरों को कार्य में लापरवाही बरतने के चलते प्रमुख अभियंता शिरीष मिश्रा ने मप्र सिविल सेवा आचरण नियम के तहत सभी 23 कार्यपालन यंत्रियों को शोकॉज नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
इन्हें थमाए गए नोटिस
जिन अधिकारियों को नोटिस थमाए गए हैं, उनमें उज्जैन के कार्यपालन यंत्री मयंक सिंह, कार्यपालन यंत्री हरदा डीके सिंह, भोपाल नितिन कुहीकर, राधौगढ़ स्वीदीप वैन, कार्यपालन यंत्री तिलवारा व्हीके उइके, कार्यपालन यंत्री सिंगरौली संकट मोचन तिवारी, तवा नहीं संभाग शैलेंद्र पीपरे, कार्यपालन यंत्री बारना नहर संभाग बाड़ी अजय वर्मा, बंजर नदी संभाग बैहर जेके मर्सकोले, डिंडौरी सुरेंद्र कुमार शर्मा, गोहद सीमा त्रिपाठी, गंजबासौदा कार्यपालन यंत्री प्रियंका भंडारी, वैनगंगा कछार वायएस ठाकुर, नरसिंहगढ़ कार्यपालन यंत्री भूपेंद्र सिंह, कोलार नसरुल्लागंज ईई हर्षा जैनवाल, डबरा अग्निवेश सिंह, सीधी संभाग-1 के कार्यपालन यंत्री पीके त्रिपाठी, त्योंथर के अमरदीप त्रिपाठी, छिंदवाड़ा की कुमकुम कौरव, हिरन संभाग जबलपुर के राजकुमार मलावी, मुलताई तथा बैतूल के कार्यपालन यंत्री विपिन वामनकर सहित बड़वानी के ईई पारस परमार शामिल हैं।








