Advertisement

अब इंदौर और गुजरात की तर्ज पर उज्जैन में भी कॉलोनियों को मिलेगी परमिशन

सांठगांठ से अधूरी कॉलोनियों को मिल रहे पूर्णता प्रमाण पत्र

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:उज्जैन नगर निगम में अब इंदौर या गुजरात की तर्ज पर प्राइवेट कॉलोनियों को परमिशन दी जाएगी। इसके लिए निगम के अधिकारी और एमआईसी सदस्य गुजरात भी जायेंगे और वहां के सिस्टम को जानेंगे। दरअसल, निगम अधिकारियों की सांठगांठ के कारण शहर में ऐसी कॉलोनियों को भी परमिशन मिल रही, जहां मूलभूत सुविधाएं ही नहीं हैं।

 

योजना एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की सोमवार को हुई बैठक में सामने आया कि कई कॉलोनियों में पानी निकासी और उद्यान विकसित करने जैसे जरूरी काम किए बिना ही निगम की कॉलोनी सेल ने पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिए, जिससे निगम को यह सुविधाएं उपलब्ध कराना पड़ रही हैं।

Advertisement

बैठक की अध्यक्षता करते हुए महापौर मुकेश टटवाल ने भी इस बात पर नाराजी जताई कि निगम के अधिकारी जब पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करते हैं, तब इनको देखा क्यों नहीं जाता। आश्चर्य है कि बिना देखे ही पूर्णता प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं। निगम अब इन कॉलोनियों से कंपाउंडिंग शुल्क वसूलने की तैयारी में जुट गया है।

बालाजी परिसर, शिव सिटी, पार्वती धाम, अमरनाथ धाम आदि कॉलोनियां बैठक में सामने आई हैं। इन पर कार्रवाई के साथ कॉलोनियों को अनुमति जारी करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई प्रस्तावित करने का निर्णय लिया गया है। शहर की कई कॉलोनियों की जांच की जाए तो उनमें अपूर्णताएं मिल जाएंगी।

Advertisement

समिति अध्यक्ष योगेश्वरी राठौर ने भी इस बात पर आपत्ति जताई कि पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करने से पहले निरीक्षण किया जाता है तो अधूरा विकास होने पर भी ये जारी कैसे किए जाते। उन्होंने महापौर को सुझाव दिया है कि सिस्टम में सुधार करने के लिए इंदौर और गुजरात के सिस्टम का अध्ययन किया जाए, जिससे अवैध कॉलोनियों पर नियंत्रण लगाया जा सके।

गुजरात के सिस्टम को देखने जायेंगे

शहर में कॉलोनियों में अधूरा विकास होने पर भी पूर्णता प्रमाणपत्र जारी होना चिंताजनक है। इसे रोकने के लिए इंदौर और गुजरात के सिस्टम का अध्ययन करने जायेंगे। –योगेश्वरी राठौर, एमआईसी सदस्य

Related Articles