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सिंहस्थ के निर्माण कार्यों पर अब हाईटेक तरीके से नजऱ

सॉफ्टवेयर बताएगा किस प्रोजेक्ट की जांच करना, रैंडम जांच के लिए टीमें तैयार

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उज्जैन में 25 सितंबर से जांच का सिलसिला होगा शुरू, 29 को पेश होगी पहली रिपोर्ट

सुधीर नागर उज्जैन। सिंहस्थ 2028 के लिए सरकार ने उज्जैन शहर सहित पूरे संभाग और इंदौर में एमपीआरडीसी और पीडब्ल्यूडी के तहत करीब 15 हजार करोड़ लागत के निर्माण कार्य शुरू कर दिए हैं और इनकी क्वालिटी पर नजर रखने के लिए नया तरीका अपनाया जा रहा है। इनकी जांच के लिए 12 टीमें बनाई गई हैं जो 25 सितंबर से निरीक्षण शुरू कर देंगी। हर माह ये निरीक्षण होंगे। खास बात ये कि निरीक्षण से पहले किसी को ये पता नहीं होगा कि उन्हें कहां जाना है। ये रैंडम निरीक्षण होंगे और सॉफ्टवेयर बताएगा कि किस निर्माण कार्य का निरीक्षण करना है।

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सिंहस्थ के कई प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं और कई अभी शुरू होना है। निर्माण कार्यों में किसी तरह की गड़बड़ी न हो, इसके लिए प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार बेहद सख्त है। शासन के निर्देश पर संभागायुक्त और मेलाधिकारी आशीष सिंह पहली बार निर्माण कार्यों की शुरुआत के साथ रैंडम निरीक्षण का प्रयोग करने जा रहे हैं। सॉफ्टवेयर के माध्यम से टीमों को ये बताया जाएगा कि उनको कौनसे निर्माण कार्य का निरीक्षण करना है। जांच पर जाने से पहले किसी को ये पता नहीं होगा कि कहां और किस निर्माण का निरीक्षण करना है। 25 सितंबर को पहला रैंडम निरीक्षण होगा और इसकी रिपोर्ट 29 सितंबर तक संभागायुक्त को पेश करनी होगी। इसके लिए 12 नोडल अधिकारियों के नेतृत्व में 12 टीमें बनाई हैं। सभी टीमों को 25 की सुबह 10 बजे से पहले कलेक्टोरेट हॉल में हाजिर रहने को कहा है।

रैंडम निरीक्षण क्यों?
दरअसल, जब निरीक्षण होते हैं तो ठेकेदार जांच टीमों से तालमेल बैठाकर अपनी कमजोरियों को दबा देते हैं। इससे निर्माण कार्यों की क्वालिटी समय पर सामने नहीं आ पाती। रैंडम निरीक्षण से ये पता नहीं चलेगा कि कौन कहां जांच करेगा। हालांकि इसके बाद भी सरकार जांच के लिए कदम उठाएगी, क्योंकि ठेकेदार कमजोरियां दबाने के लिए पूरी ताकत लगाते हैं।

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3 विभागों के इंजीनियर टीम में
संभागायुक्त सिंह ने पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) और जल संसाधन (डब्ल्यूआरडी) के 24 इंजीनियरों को जांच टीम में रखा है, जिसमें उज्जैन के अलावा नीमच, शाजापुर, मंदसौर, देवास, रतलाम और आगर मालवा के इंजीनियर शामिल हैं।

किस विभाग के पास कितनी राशि के काम

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