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अब कैबिनेट में होगा उज्जैन के एलिवेटेड ब्रिज का फैसला!

तीन प्रस्ताव तैयार, चयन करने का इंतजार, फिर शुरू हो सकेगा काम

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अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। सिंहस्थ 2028 के लिए उज्जैन में पहली बार मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने दो एलिवेटेड ब्रिज बनाने की योजना तैयार की है। केंद्र सरकार इसके लिए 526 करोड़ रुपए की मंजूरी भी दे चुकी है लेकिन योजना फाइनल होना बाकी है। इसके तीन प्रस्ताव हैं, जिन पर अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट में ये प्रस्ताव रखने की तैयारी की जा रही, जिसमें अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर ये योजनाएं तैयार हो रही हैं, जिसके तहत 445.26 करोड़ रुपए की लागत से चिमनगंज मंडी चौराहा से इंदौरगेट और नीलगंगा तक 3.70 किलोमीटर लंबा फोरलेन एलिवेटेड ब्रिज होगा और निकास चौराहा से इंदौरगेट तक 1.20 किलोमीटर लंबा टू लेन ब्रिज 81.29 करोड़ रुपए से बनाया जाएगा।

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लोक निर्माण विभाग इसकी योजना तैयार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार विभाग के सामने कई दिक्कतें भी आ रही हैं। इस कारण ब्रिज को कहां से कहां तक बनाया जाए, इसको लेकर मशक्कत की जा रही है। इसके लिए दो, तीन प्रस्ताव हैं जिन पर सरकार को फैसला लेना होगा। विभाग इन प्रस्तावों को कैबिनेट में रखने की तैयारी कर रहा ताकि सर्वसम्मत निर्णय किया जा सके। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इनके लिए विधिवत मंजूरी जारी कर चुका है।

इस आशय का पत्र भी सरकार और विभाग तक पहले ही पहुंच चुका है। सबसे ज्यादा कवायद आगर रोड से इंदौर गेट तक बनने वाले एलिवेटेड फ्लाईओवर को लेकर चल रही है। इसे मकोडिया आम नाका चौराहा से बनाने की योजना है, जिसकी लंबाई करीब चार किलोमीटर है।

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महाकाल नगरी महानगर बनने की ओर अग्रसर

महाकाल नगरी उज्जैन में ये पहले दो लंबे फ्लाई ओवर ब्रिज होंगे जिससे यह शहर महानगर की दिशा में कदम आगे बढ़ा देगा। इसके अलावा भी सिंहस्थ 2028 के लिए सरकार ऐसी बड़ी योजनाओं पर काम कर रही, जिनसे शहर महानगर की राह पर आगे बढ़ जाएगा। आगर रोड पर मेडिसिटी का काम युद्धस्तर पर चल रहा तो सामने ही सिविल हॉस्पिटल की नई बिल्डिंग बन रही। उज्जैन से इंदौर तक सिक्सलेन बनाया जा रहा। हरिफाटक रोड पर प्रदेश का एकमात्र यूनिटी मॉल आकार ले रहा। एलिवेटेड ब्रिज बनने से शहर विकास की रफ्तार पकड़ेगा।

देर सही लेकिन बनने में नहीं मुश्किल

एलिवेटेड ब्रिज की योजना बनने में भले ही देर हो रही लेकिन ये जल्दी बनकर तैयार हो सकते हैं, क्योंकि शहर में मेडिसिटी और हॉस्पिटल भवन के साथ आईटी पार्क बनाने का काम जिस तेजी से हो रहा, उससे लोगों को भरोसा होने लगा है कि अब एलिवेटेड ब्रिज भी तेजी से बन जाएंगे। सरकार ने बड़े प्रोजक्ट पर अपनी पूरी ताकत लगा दी है।

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