अब क्यूआर कोड से ट्रेन में असली नकली वेंडरों की पहचान कर सकेंगे

अक्षरविश्व न्यूज:नईदिल्ली। ट्रेन में सफर के दौरान कोच और प्लेटफार्म पर घूमते लाखों अवैध वेंडर रेल यात्रियों के स्वास्थ्य और जानमाल के लिए बड़ा खतरा हैं, लेकिन जल्द ही रेलयात्री अपने स्मार्टफोन से असली-नकली वेंडरों की पहचान कर सकेंगे।

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भारतीय रेल में सभी कैटरिंग ठेकेदारों के वेंडरों-सहायकों के लिए क्यूआर कोड युक्त पहचान पत्र अनिवार्य किया जा रहा है। इसे स्कैन करने पर यात्री के मोबाइल स्क्रीन पर वेंडर का नाम, पता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, लाइसेंसी ठेकेदार का नाम, कंपनी आदि की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी।

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि क्यूआर कोड आधारित वेंडर मैनेजमेंट सिस्टम (वीएमएस) पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मध्य रेलवे के नागपुर मंडल शुरू किया गया है। इसके तहत 118 ठेकेदारों के 835 वेंडरों-सहायकों को क्यूआर कोड आधारित पहचान पत्र जारी किया गया है। इसमें बेडरोल आपूर्ति करने वाले कोच सहायकों, ऑनबोर्ड हाउस कीपिंग ठेकेदार के सफाई कर्मियों को भी शामिल किया है।

क्यूआर कोड आधारित पहचान पत्र में वेंडरों-सहायकों की फोटो, पुलिस सत्यापन की तारीख, स्वास्थ्य फिटनेस प्रणाम पत्र, ठेके की अवधि आदि के दस्तावेज को देखा जा सकता है। ठेकेदार व वेंडर के बीच हुए करार का दस्तोवज भी इसमें उपलब्ध है। क्यूआर कोड की मदद से आरपीएफ-जीआरपी, टीटीई व कॉमर्शियल विभाग के अधिकारियों को अवैध वेंडरों-सहायकों की धरपकड़ करने में मदद मिलेगी।

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