एनटीसी को कारखाने के लिए पट्टे पर दी थी भूमि, अब शासन का कब्जा
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। हीरा मिल की 750 करोड़ रुपये (वर्तमान अनुमानित) कीमत की 35.926 हेक्टेयर भूमि से एनटीसी (नेशनल टेक्सटाईल कॉर्पोरेशन) को भू-राजस्व संहिता की धारा-182(2) के तहत अपर कलेक्टर मृणाल मीना ने बेदखल करने के आदेश जारी कर दिये हैं। इसके साथ ही इस बेशकीमती जमीन का कब्जा शासन के पक्ष में कर दिया गया है।
हीरा मिल की उक्त जमीन के मामले में अपर कलेक्टर ने राजस्व प्रकरण क्रमांक 001/अ-39/2020-23 में निर्णय पारित करते हुए वादग्रस्त उज्जैन कस्बा स्थित भूमि कुल किता 88 कुल रकबा 35.926 हेक्टेयर भूमि पर ताकायमी कारखाना पट्टेदार एनटीसी को भूमि से बेदखल करने का आदेश पारित किया गया है।
जारी आदेश में सम्पूर्ण भूमि का कब्जा विधिवत शासन के पक्ष में (यदि आधिपत्य शासन के पास न हो तो) प्राप्त करने तथा वादग्रस्त भूमि का ताकायमी कारखाना प्रयोजन समाप्त होने से भूमि को मध्य प्रदेश शासन में वैष्ठित करने के आदेश जारी किये गये हैं। अपर कलेक्टर ने तहसीलदार उज्जैन को आदेश दिये हैं कि वे राजस्व अभिलेख में इस सम्बन्ध में आवश्यक प्रविष्टि करें।
इस आधार पर किया बेदखल
राजस्व विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हीरा मिल की जमीन के उक्त प्रकरण की सम्पूर्ण जांच-पड़ताल में दो तथ्य पूर्ण रूप से स्पष्ट हुए। इसमें पहला एनटीसी द्वारा रायल्टी का भुगतान नहीं किया गया था तथा दूसरा एनटीसी द्वारा मिल की जमीन पर कारखाना संचालित न कर पट्टे की शर्तों का उल्लंघन किया गया। उल्लेखनीय है कि यह भूमि ग्वालियर रियासत द्वारा कारखाना, मिल संचालन हेतु सशर्त पट्टा ताकायमी के रूप में एनटीसी को दी गई थी।