मुख्यमंत्री के निर्देश पर आईआईएम इंदौर की टीम सिंहस्थ के लिए भीड़ प्रबंधन पर योजना बनाएगी

इंदौर की टीम ने अंतत: यही पाया कि उज्जैन की यातायात व्यवस्था सिंहस्थ में भारी पड़ेगी, इसे सुधारना जरूरी है

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उज्जैन की यातायात व्यवस्था से होगी शुरुआत

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। डॉ. मोहन यादव ने शहरी नागरिक, विधायक और मंत्री के रूप में उज्जैन के कई सिंहस्थ देखे हैं। इस दौरान आने वाली परेशानियों और समस्याओं से भी रूबरू हुए हैं। अब वह मुख्यमंत्री हैं। उनकी मंशा है कि आगामी सिंहस्थ इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो। आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या से दो-चार न होना पड़े। इसलिए अनुभवी अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें की जा रही हैं। योजनाएं बनाई जा रही हैं। इस समय शहर की सबसे बड़ी समस्या टै्रफिक है। सिंहस्थ में यह और विक्राल रूप धारण करेगी। यदि इस पर नियंत्रण पा लिया तो मेला पचास प्रतिशत सफल हो जाएगा।

सीएम के निर्देश पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट इंदौर के डायरेक्टर हिमांशु राय के साथ प्रोफेसर हंस मिश्रा, प्रोफेसर सौरभ चंद्र, प्रोफेसर अमित वत्स की टीम महाकाल मंदिर पहुंची। यहां महाकाल मंदिर तिनेत्र कंट्रोल रूम में कलेक्टर नीरज सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ सहित विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की। टीम ने उन क्षेत्रों को देखा जहां पर श्रद्धालुओं की एंट्री एग्जिट होती है। साथ ही श्रद्धालुओं को मिलने वाली सुविधाएं महाकाल लोक सहित सभी प्रवेश द्वार से आने वाले भक्तों को लगने वाला समय, गणेश मंडपम तक पहुंचने के बाद एग्जिट करने में लगने वाले समय की मॉनीटरिंग भी की।

शौचालय और पार्किंग व्यवस्था

आईआईएम के डायरेक्टर हिमांशु राय का कहना है कि पूरे क्षेत्र के भ्रमण के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि जब तक हम शहर के ट्रैफिक को मैनेज नहीं कर पाएंगे, तब तक यहां का मैनेजमेंट करना थोड़ा कठिन है। हमारी टीम शहर का ट्रैफिक देखेगी। एक दिन में करीब दस लाख लोगों का आना और ट्रैफिक मैनेजमेंट को संभालना बड़ा काम है। शौचालय और पार्किंग भी बड़ी व्यवस्था है। इसका अध्ययन भी करना होगा।

क्राउड मैनेजमेंट का प्लान बनाएगी

अब इंदौर की टीम पूरे महाकाल मंदिर का प्लान तैयार करेगी। जिसके तहत महाकाल मंदिर का क्राउड मैनेजमेंट से लेकर शहर के ट्रैफिक मैनेजमेंट में सुधार करने का प्लान बनाकर उज्जैन कलेक्टर को सौंपेंगे। अगले 3 से 4 महीने में पूरा रोडमैप तैयार किया जाएगा। इसके बाद महाकाल मंदिर सहित शहर में इसे लागू किया जाएगा।

पहले अंदर की यातायात व्यवस्था देखेगी

आईआईएम इंदौर की टीम उज्जैन शहर के हरि फाटक से लेकर के अंदर तक के ट्रैफिक का पहले समाधान देखेगी। यहां की सभी समस्याओं को ध्यान में रखकर एक मॉडल बनाएगी। जिसमें मंदिर के आसपास व अंदर श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखकर और उन दिनों जिसमें सर्वाधिक भक्त आते हैं। इसका अध्ययन किया जाएगा। इसका अध्ययन करने के लिए टीम एक बार सुबह आएगी। एक बार रात में आएगी और फिर एक बार जब ज्यादा भीड़ होगी तब आएगी।

मोबाइल और जूते-चप्पल श्रद्धालुओं तक पहुंच जाए

टीम ने देखा कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को मोबाइल और जूते-चप्पल प्रवेश द्वार के आसपास रखना पड़ते हैं। इसे लेने के लिए उसे दोबारा वहीं आना पड़ता है। यानी एक ही मार्ग पर टै्रफिक दो बार। यह ठीक नहीं है। होना यह चाहिए कि जब श्रद्धालु मंदिर से बाहर निकले तो उसका सामान उसे वहीं मिल जाए। ऐसी व्यवस्था करना होगी। इससे सारे रूट पर भीड़ भी जमा नहीं होगी और श्रद्धालु परेशान भी नहीं होंगे।

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