पर्युषण पर्वाधिराज के तीसरे दिन श्री अवंति पाश्र्वनाथ जैन तीर्थ में आकर्षक अंगरचना

उज्जैन। पर्यूषण पर्वाधिराज के तीसरे दिन शुक्रवार को श्री अवंति पाश्र्वनाथ जैन तीर्थ में आकर्षक अंगरचना मांगीलाल जैन द्वारा की गई। 24 अगस्त रविवार को शांतिनाथ जी उपाश्रय में भगवान महावीर स्वामी का जन्म वाचन सुबह 9.15 बजे होगी।
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समाज अध्यक्ष अशोक कोठारी ने बताया कि शुक्रवार को कल्प सूत्र प्रारंभ करते हुए डॉ. नीलांजना श्रीजी ने कहा परमात्मा महावीर का जीवन विकास की यात्रा है। महावीर की मधुर अमृतमयी कथा को जो सुन लेता है वह स्वयं महावीर बन जाता है। महावीर का जीवन जितना आदर्श है परमात्मा के पूर्व भव भी उतने ही प्रेरणास्पद है।
उन्होंने परमात्मा महावीर के 27 भाव को भाव भरी शैली से विस्तार से वर्णन करते हुए समझाई। उन्होंने कहा प्रभु के पूर्व भावों को सुनकर हमें प्रेरणा का प्रकाश प्राप्त करना है परमात्मा महावीर की रोमांचित करने वाली पूर्व भावों की यात्रा सुनकर हमें स्वयं के जीवन की समीक्षा करनी है हमारी शक्तियों को प्रकट करके हमें परमात्मा बनने की दिशा में गतिमान होना है।