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महाकाल मंदिर में रोजाना डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु आ रहे हैं

प्रबंध समिति के खजाने में भी हुई दोगुना वृद्धि….

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं/भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। समिति के अनुमान के अनुसार सामान्य दिनों में ही डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने आ रहे हैं। इससे मंदिर समिति को मिलने वाले दान की राशि में भी खासी वृद्धि हुई है।

 

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को विभिन्न स्त्रोत से पिछले 10 महीने में 144 करोड़ से ज्यादा की राशि मिली है। पिछले 10 साल की तुलना करें, तो यह अब तक का सबसे ज्यादा दान है। महाकाल मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या में भी चार गुना इजाफा हुआ है। महाकाल मंदिर में रोजाना करीब डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। पर्व के दिनों में यह संख्या 5 से 8 लाख पहुंच जाती है। महाकाल महालोक बनने के बाद मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं में लगातार वृद्धि हो रही है। ०1 जनवरी 2024 से लेकर 10 फरवरी 2024 तक श्रद्धालुओं का आंकड़ा करीब 1 करोड़ 20 लाख रहा है।

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भक्तों की संख्या में चार गुना इजाफा

‘महाकाल लोक’ के प्रथम चरण के लोकार्पण के बाद यहां देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है। पहले शनिवार, रविवार, सोमवार और पर्व के दिन छोड़कर रोजाना करीब 15 से 20 हजार श्रद्धालु पहुंचते थे। इसके बाद ये संख्या 50 से 60 हजार हुई। वर्तमान में करीब डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु रोजाना दर्शन करने पहुंच रहे हैं। मंदिर पहुंचने वालों की संख्या में चार गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है। इधर, शनिवार, रविवार और सोमवार को आने वाले भक्तों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। ये संख्या बढ़कर करीब ढाई लाख से तीन लाख तक पहुंच गई है। यही कारण है कि भक्त किसी न किसी रूप में मंदिर में दान करके जाते हैं। महाकाल मंदिर में यह दान शीघ्र दर्शन, दान पेटी, लड्डू प्रसादी, जल अर्पण काउंटर से बढ़ा है।

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ऐसे मिलती है मंदिर को राशि

महाकाल मंदिर में वैसे तो रोजाना भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन शनिवार से सोमवार तक भीड़ ज्यादा रहती है। खासकर त्योहारों के दिनों में अलग-अलग माध्यम से सबसे ज्यादा राशि मिलती है। दिसंबर 2023-24 में भी शनिवार-रविवार को सबसे ज्यादा दान मिला। वहीं, क्रिसमस, नववर्ष सबसे ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए।मंदिर को दान पेटी, अन्य सेवा के नगद/चेक, लड्डू प्रसादी समेत शीघ्र दर्शन ,भस्म आरती दर्शन, गर्भगृह दर्शन के माध्यम से राशि मिलती है। मंदिर प्रबंध समिति को मिलने वाली राशि से मंदिर के कई प्रकल्प चलते हैं। मंदिर की व्यवस्था, धर्मशाला, अन्न क्षेत्र, महाकालेश्वर वैदिक शोध संस्था, गोशाला, पर्व पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम, महाकाल मंदिर विस्तारीकरण समेत मंदिर की सुरक्षा पर सबसे ज्यादा पैसा खर्च होता है।

144 करोड़ से अधिक की राशि मिली

मंदिर प्रबंध समिति ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 का लेखा-जोखा जारी किया है। मंदिर समिति को अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 तक 144 करोड़ 67 लाख से ज्यादा की राशि विभिन्न स्त्रोत से प्राप्त हुई है। समिति को वित्तीय वर्ष 2021-22 में 22 करोड़ 13 लाख रुपए का दान मिला था, जो 2022-23 में बढ़कर 46 करोड़ 51 लाख रुपए पहुंच गया।

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